राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द पर खतरा

Image Source: ANI

Constitution, संविधान अंगीकार किए जाने के 75 साल पूरे होने के मौके पर दिल्ली में बड़ा आयोजन हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उनकी पार्टी के तमाम सदस्यों ने संविधान के प्रति श्रद्धा दिखाई और अपने को संविधान रक्षा का चैंपियन बताया। लेकिन उसी समय भाजपा की ओडिशा सरकार ने संविधान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द के बगैर संविधान की प्रस्तावना पेश की और उसका पाठ किया।

जब इस पर सवाल उठा तो कहा गया है कि यह मूल संविधान की प्रस्तावना है। यानी 26 नवंबर 1949 की प्रस्तावना है। गौरतलब है कि संविधान में ये दोनों शब्द 1975 में इमरजेंसी लगाए जाने के बाद संविधान के 42वें संशोधन के जरिए प्रस्तावना में जोड़े गए थे।

Also Read: शिंदे पीछे हटे, भाजपा का सीएम होगा

अब सवाल है कि मौजूदा Constitution में जब ये दोनों शब्द हैं तो उस प्रस्तावना को पढ़ने की बजाय मूल संविधान की प्रस्तावना पढ़ने का क्या मतलब है? इसका मतलब है कि भाजपा कहीं न कहीं इस प्रयास में है कि ये दोनों शब्द संविधान की प्रस्तावना से हटा दिए जाएं क्योंकि ये दोनों शब्द भाजपा की विचारधारा से मेल नहीं खाते हैं और ऊपर से इन्हें इंदिरा गांधी ने संविधान में जोड़ा है। इसे लेकर भाजपा के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी और अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

उपाध्याय का कहना था कि चूंकि मूल प्रस्तावना के नीचे उसे स्वीकार करने की तारीख लिखी गई है इसलिए बाद में उसमें कुछ नहीं जोड़ा जा सकता है इसलिए सरकार को ये दोनों शब्द हटा देने चाहिए। दूसरी ओर स्वामी का तर्क था कि मूल प्रस्तावना में जोड़ने की बजाय दोनों शब्दों को वहां से हटा कर दूसरी जगह लिखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्षता’ संविधान के बुनियादी ढांचे का हिस्सा है इसलिए इसे नहीं हटाया जा सकता है।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *