कांग्रेस के 2014 में चुनाव हार कर विपक्ष में जाने के साथ ही पार्टी के महासचिव और कई राज्यों के प्रभारी के केशव राव कांग्रेस छोड़ कर उस समय की तेलंगाना राष्ट्र समिति में चले गए थे। वे 10 साल तक तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी के साथ रहे। वे तत्कालीन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के करीबी थे और लगातार राज्यसभा संसद रहे। अब जैसे ही चंद्रशेखर राव की पार्टी, जिसका नाम उन्होंने भारत राष्ट्र समिति कर दिया है वह हार कर सत्ता से बाहर हुई है केशव राव ने उनको छोड़ दिया है और कांग्रेस में लौट आए हैं क्योंकि कांग्रेस अब राज्य की सत्ता में आ गई है।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद के केशव राव ने अपनी राज्यसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। वे 2020 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। इसका मतलब है कि दो साल का कार्यकाल अभी बचा हुआ है। अब कांग्रेस फिर से उनको उस सीट से राज्यसभा में भेजेगी। अभी चुनाव आयोग ने चुनाव की घोषणा नहीं की है। लेकिन कांग्रेस नेताओं को पता है कि केशव राव की उम्मीदवार होंगे। सरकार बनने के बाद कुछ हासिल होने की उम्मीद लगाए बैठे कांग्रेस नेताओं को निराश हाथ लगी है। विधान परिषद के सदस्य भी बीआरएस का साथ छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं तो वहां भी कांग्रेस नेताओं को कुछ मिलने की उम्मीद नहीं है।