दिल्ली में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से आम आदमी पार्टी से दूरी दिखा रही है। Congress के नेता आप के खिलाफ बयान दे रहे हैं। दिल्ली की आप सरकार के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन हो रहा है। कांग्रेस की न्याय यात्रा का निशाना आप के ऊपर है। आप से दूरी दिखाने की रणनीति के तहत ही कांग्रेस ने दिल्ली के मेयर के चुनाव से दूरी बनाई। कांग्रेस के सात पार्षद मेयर चुनाव में वोट डालने नहीं गए। तभी मुकाबला बहुत नजदीकी हो गया। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार महेश खींची बड़ी मुश्किल से तीन वोट से जीत पाए। हालांकि कहा जा रहा है कि आप उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित हो गई तभी कांग्रेस ने वोटिंग से दूरी बनाई।
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इसका मतलब है कि अगर आप का उम्मीदवार हार रहा होता तो कांग्रेस के साथ पार्षद वोट डालते, जैसे चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन किया था। तभी जानकार सूत्रों का कहना है कि Congress दिल्ली में दबाव की राजनीति कर रही है। उसका मकसद इतना है कि आम आदमी पार्टी के खिलाफ माहौल बनाया जाए ताकि मजबूर होकर वह कांग्रेस से तालमेल करे। कांग्रेस को अपना खोया हुआ वोट बैंक हासिल करने के लिए यही रास्ता दिख रहा है। जिस तरह से 2013 में कांग्रेस ने आप सरकार को समर्थन देकर अपना वोट गंवाया था उसी तरह आप के साथ तालमेल करके अपना वोट हासिल करना चाहती है। परंतु अरविंद केजरीवाल भी इस बात को समझ रहे हैं। वे जोखिम लेने को तैयार हैं। वे मान रहे हैं कि कुछ सीटें कम हो जाएंगी। लेकिन वे कांग्रेस से तालमेल करने को तैयार नहीं हो रहे हैं। उनको पता है कि तालमेल हुआ और दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस का खाता खुला तो उसकी वापसी का रास्ता बनेगा।