कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा चुनाव नतीजों से मजबूत होकर उभरे हैं। कांग्रेस के अंदर भी उनके नेतृत्व की स्वीकार्यता बढ़ी है। इसलिए वे नतीजों के तुरंत बाद पार्टी के अंदर की गुटबाजी रोकने के काम में लग गए हैं। एक एक करके उन्होंने उन सभी राज्यों के नेताओं से मुलाकात की है, जहां गुटबाजी चरम पर है। इसमें तीन चुनावी राज्य भी हैं। महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड तीनों जगह खुल कर गुटबाजी हो रही है तो दूसरी ओर कर्नाटक में भी लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद तलवारें निकल गई हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश में अभी शांति है। ऐसा लग रहा है कांग्रेस आलाकमान ने दोनों राज्यों को फिलहाल प्राथमिकता से बाहर रखा है क्योंकि इन राज्यों में कांग्रेस विपक्ष में है और चुनाव पांच साल बाद हैं।
कांग्रेस में सबसे ज्यादा गुटबाजी हरियाणा में हो रही है, जिसे लेकर राहुल गांधी ने अभी राज्य के नेताओं से मुलाकात की है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एक ‘एसआरके’ गुट बना था लेकिन इसमें से किरण चौधरी पार्टी छोड़ कर चली गई हैं और रणदीप सुरजेवाला रणनीतिक रूप से चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन कुमारी शैलजा बहुत मुखर हैं। वे लगातार हुड्डा को निशाना बना रही हैं। उन्होंने नतीजों के बाद कहा कि कांग्रेस राज्य में आठ सीट जीत सकती थी लेकिन आलाकमान ने सिर्फ एक व्यक्ति की बात मानी, जिससे पांच ही जीत सके। हुड्डा गुट ने पलटवार करते हुए कहा कि शैलजा उत्तराखंड की प्रभारी थीं, जहां उन्होंने प्रदेश कमेटी की बनाए पैनल से बाहर से लोगों को टिकट दिए और सभी पांचों सीटों पर कांग्रेस हारी। ध्यान रहे कांग्रेस को जाट और दलित का समीकरण बनाना है और इन दोनों समुदायों के नेता ही आपस में सबसे ज्यादा लड़ रहे हैं।
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त जीत हासिल की। वह 13 सीट जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बनी। ऐसा लग रहा था कि नतीजों के बाद प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले का विरोध कम होगा। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। यह बात खुद राहुल गांधी ने स्वीकार की है। वे महाराष्ट्र के नेताओं से मिले तो उन्होंने गुटबाजी खत्म करने को कहा। इस पर एक नेता ने कहा कि राज्य में गुटबाजी नहीं है। तब राहुल ने बताया कि कुछ नेता आए थे, जो नाना पटोले को हटाने की मांग कर रहे थे और उसके बाद नेताओं का एक समूह आया, जो पटोले को बनाए रखने की मांग करके गया। इसी तरह सांसद बन गईं दलित नेता वर्षा गायकवाड़ को मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने की मांग भी तेज हो गई है। तभी राहुल गांधी ने प्रदेश के प्रभारी रमेश चेन्निथला से कहा कि वे एकाध नेताओं का शिकार करें ताकि गुटबाजी कर रहे नेताओं को मैसेज जाए।
झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के खिलाफ कई नेताओं ने मोर्चा खोला है। वे करीब ढाई साल से अध्यक्ष हैं और उनका कार्यकाल ठीक ही रहा है। तमाम अटकलों के बावजूद उन्होंने कांग्रेस नहीं टूटने दी और लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की सीटें एक से बढ़ कर दो हो गईं। लेकिन दूसरी पार्टियों से आए दो नेता, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की उनके खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। हालांकि कांग्रेस आलाकमान फिलहाल उनको हटाने के पक्ष में नहीं है। तीन चार महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं तो उससे पहले बदलाव संभव नहीं दिख रहा है।