यह लाख टके का सवाल है कि क्या कांग्रेस पार्टी कई अनेक नेता भाजपा के संपर्क में हैं? महाराष्ट्र में मिलिंद देवड़ा जैसे खानदानी कांग्रेस नेता के पार्टी छोड़ने के बाद यह अटकल लगाई जा रही है कि कम से कम आधा दर्जन नेता कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जा सकते हैं। 15 नेताओ की एक सूची की भी चर्चा है, जो विचार के लिए भाजपा के आला नेताओं के पास गई है। कांग्रेस नेताओं को पार्टी छोड़ने पर विचार करने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई ने कई नेताओं को परेशान किया हुआ है तो कई नेता इंतजार में हैं कि राज्यसभा के चुनाव में उनको टिकट मिलती है या नहीं। इस हफ्ते राज्यसभा की स्थिति साफ हो जाएगी। कांग्रेस के 11 राज्यसभा सांसद रिटायर हो रहे हैं लेकिन उसे नौ सीटें मिलती दिख रही हैं। अगर बिहार और झारखंड में सहयोगी पार्टियों ने साथ दिया तो दो सीटें और मिल जाएंगी।
असल में जब से भाजपा ने दूसरी पार्टियों के नेताओं और मशहूर अराजनीतिक लोगों को अपनी पार्टी में लाने का सिद्धांत रूप में फैसला किया है तब से कांग्रेस के कुछ नेताओं को लेकर आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि भाजपा ने एक टीम भी बनाई है, जिसके नेता कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने की बात को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक बयान से और हवा मिल गई। उनके बारे में चर्चा थी कि वे भाजपा में जा सकते हैं। कुछ दिन पहले कांग्रेस के एक प्रवक्ता आलोक शर्मा ने आशंका जताई थी कि विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने अंदरखाने भाजपा से तालमेल कर लिया था। इस बात के लिए आलोक शर्मा को नोटिस भी जारी किया गया था। इसी संदर्भ में किसी ने कमलनाथ से पूछा कि क्या वे भाजपा में जा रहे हैं तो इस पर उनका जवाब था कि कोई नेता किसी भी पार्टी में जा सकता है। हालांकि अपने बारे में उन्होंने अटकलों को खारिज किया। पर किसी नेता के किसी भी पार्टी में जाने के बयान से चर्चाओं को हवा मिली है।
कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि कुछ नेताओं की आगे की गतिविधियों पर नजर रखने की जरुरत है। ऐसे नेताओं में कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम का नाम लिया जा रहा है। कार्ति ने पिछले दिनों नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। ध्यान रहे दोनों पिता-पुत्र केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई से बहुत परेशान रहे हैं और अब भी मुसीबत खत्म नहीं हुई है। इसलिए कहा जा रहा है कि वे पाला बदल सकते हैं। हालांकि बदले में क्या मिलेगा यह पता नहीं है क्योंकि तमिलनाडु में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीतना संभव नहीं है। वे कांग्रेस और डीएमके गठबंधन में शिवगंगा सीट जीत सकते हैं। इसी तरह से कहा जा रहा है कि अगर इस बार आनंद शर्मा को राज्यसभा की सीट नहीं मिलती है तो वे भी पाला बदल सकते हैं। चर्चा तो पंजाब से कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी की भी है। वे पंजाब से कांग्रेस के सांसद हैं। पंजाब के ही नवजोत सिद्धू को लेकर किसी को अंदाजा नहीं है कि वे आग क्या करेंगे। कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के साथ उनका जैसा झगड़ा हुआ है उसे देखते हुए दोनों के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। कांग्रेस के कुछ और नेताओं के भी पार्टी छोड़ने की चर्चा है।