Ghulam ahmad mir, झारखंड में कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा दोनों का बड़ा नुकसान किया है। उन्होंने एक सभा में कह दिया कि कांग्रेस की सरकार बनी तो हिंदू, मुस्लिम और घुसपैठियों को भी सस्ता सिलेंडर देगी। अब बार बार सफाई दी जा रही है लेकिन भाजपा ने यह मुद्दा जोर शोर से प्रचारित करना शुरू कर दिया है। सोचें, झारखंड में भाजपा घुसपैठियों के कोर एजेंडे पर चुनाव लड़ रही है और वहां कांग्रेस के प्रभारी ने एक तरह से मान लिया कि घुसपैठिए हैं और वे कांग्रेस, जेएमएम का वोट बैंक हैं। दूसरे चरण में संथालपरगना की 18 सीटों पर मतदान होना है, जहां घुसपैठियों का मुद्दा सबसे बड़ा है।
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वैसे भी गुलाम अहमद मीर का झारखंड में कोई मतलब नहीं है। मुस्लिम पहले से कांग्रेस और जेएमएम के साथ हैं। मीर से पार्टी को कोई फायदा न होना था और न हुआ लेकिन उन्होंने नुकसान बड़ा कर दिया। दूसरे चरण में कई सीटों पर कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवार ध्रुवीकरण के कारण खतरे में आ गए हैं। दूसरे चरण में दक्षिणी छोटानागपुर की भी दो सीटें हैं, जिनमें से खिजरी की सीट कांग्रेस के पास है। वह सीट भी अब पार्टी हार सकती है। उसके अलावा बोकारो, जरमुंडी, जामताड़ा और महगामा जैसी कम से कम चार सीटें खतरे में हैं। कांग्रेस के नेता भी मान रहे हैं कि दूसरे चरण में कांग्रेस के कम से कम पांच विधायकों पर खतरा मंडरा रहा है।