तो अब यह माना जाए कि पवन बंसल की राजनीतिक पारी समाप्त हो गई है? कांग्रेस ने चंडीगढ़ सीट पर उनको टिकट नहीं दी है। पहले कहा जा रहा था कि चंडीगढ़ सीट से कई बार सांसद रहे पवन बंसल एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे। ध्यान रहे जब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीटों का बंटवारा हो रहा था तब चंडीगढ़ को लेकर बड़ी चर्चा हुई थी। आम आदमी पार्टी इस सीट पर चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन कांग्रेस ने साफ कर दिया था कि तालमेल हो या नहीं हो लेकिन वह चंडीगढ़ सीट नहीं छोड़ेगी। उस समय कांग्रेस की ओर से पवन बंसल ने सबसे ज्यादा दबाव बनाया था।
अब चंडीगढ़ सीट पर कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी को टिकट दे दिया है। उनका मुकाबला भाजपा के संजय टंडन से होगा। भाजपा ने दो बार इस सीट से सांसद रहीं किरण खेर को इस बार टिकट नहीं दी है। बहरहाल, पवन बंसल ने मुश्किल समय में कांग्रेस के कोषाध्यक्ष का पद संभाला था। अहमद पटेल के निधन के बाद यह जिम्मेदारी उनके पास आई थी। आमतौर पर कहा जाता है कि कांग्रेस के कोषाध्यक्ष को निश्चित रूप से राज्यसभा मिलती है। आखिर बंसल की जगह कोषाध्यक्ष बने अजय माकन को कांग्रेस ने कर्नाटक से राज्यसभा में पहुंचाया है। लेकिन पवन बंसल को न राज्यसभा मिली और न लोकसभा में उनको चंडीगढ़ की उनकी पारंपरिक सीट से टिकट दी गई।