झारखंड के दिग्गज कांग्रेस नेता और राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के नौकर और उसके एक करीबी के घर से साढ़े 34 करोड़ रुपए का कैश मिलने की सूचना जब राहुल गांधी को मिली होगी तो उन्होंने क्या सोचा होगा? कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन की क्या प्रतिक्रिया रही होगी? यह सोचना दिलचस्प है। ध्यान रहे कांग्रेस पार्टी पैसे के संकट से जूझ रही है। आयकर विभाग ने उसके कई खाते सील कर दिए हैं। उसके खाते से पैसा निकाल लिया है और कांग्रेस को अदालत से भी कोई खास राहत नहीं मिली है। अजय माकन ने क्राउड फंडिंग शुरू की थी लेकिन उससे भी कांग्रेस के खाते में बहुत ज्यादा पैसा मिलने की सूचना नहीं है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी व अन्य नेताओं ने भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कई बार कहा कि पार्टी की स्थिति यह है कि उसे छोटे छोटे बिल के भुगतान करने में दिक्कत आ रही है क्योंकि उसके खाते सील हैं।
सोचें, कांग्रेस किसी तरह से चुनाव लड़ने के पैसे का जुगाड़ कर रही है और दूसरी ओर कांग्रेस के राज्य सरकार के मंत्रियों के निजी सचिवों के नौकरों के यहां से 34 करोड़ रुपए नकद मिल रहे हैं! इससे कुछ ही दिन पहले झारखंड से ही कांग्रेस के राज्यसभा के सांसद रहे धीरज साहू के यहां आयकर विभाग की कार्रवाई में तीन सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी मिली थी। एक तरफ राहुल गांधी फक्कड़ की तरह पदयात्रा कर रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं के यहां से उनके करीबियों के यहां से करोड़ों की नकदी मिल रही है। इसमें भी एक दिलचस्प पहलू यह है कि जिन लोगों के यहां से जिनके करीबियों के यहां से करोड़ों रुपए पकड़े जा रहे हैं वे लाख, दो लाख रुपए का चंदा भी पार्टी को देने में हिचकने वाले लोग हैं। कांग्रेस को लेकर वैसे पहले से कहा जाता है कि वह अमीर नेताओं की गरीब पार्टी है। वहां पार्टी के पास पैसा नहीं हैं, लेकिन नेताओं के खजाने भरे हैं।