union budget 2025: केंद्र सरकार ने 12 लाख रुपए तक की आय को कर छूट देने की घोषणा की है, जिससे सरकार को हर साल एक लाख करोड़ रुपए का राजस्व कम होगा।
इसके बावजूद सरकार ने ऐलान किया है कि वह वित्तीय घाटे को 4.4 फीसदी पर कंट्रोल करेगी। सवाल है कि राजस्व के नुकसान के बावजूद सरकार कहां से प्रबंधन करेगी कि वित्तीय घाटा नहीं बढ़े?
क्या सरकार को कहीं और से अतिरिक्त राजस्व की उम्मीद है? इस बार बजट में अगले पांच साल में 10 लाख करोड़ रुपए की सरकारी संपत्ति बेचने का प्रावधान किया गया है।
यानी हर साल दो लाख करोड़ रुपए वहां स जुगाड़ करने की योजना है। लेकिन पिछले छह साल से लगातार विनिवेश का लक्ष्य फेल हो रहा है।(union budget 2025)
इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि सरकार को इस बार कामयाबी मिल जाएगी। तभी दूसरा रास्ता यह दिख रहा है कि सरकार खर्च में कटौती करके वित्तीय घाटे को नियंत्रण में रखने का प्रयास करेगी।
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सरकार ने राजस्व के नुकसान की भरपाई करने और वित्तीय घाटे को कम करने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर होने वाले खर्च और सामाजिक विकास की योजनाओं को लक्ष्य बनाया है।
इस बार सरकार ने महात्मा गांधी नरेगा के बजट में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। पिछली बार की तरह उसे 86 हजार करोड़ रुपए पर ही रखा गया है। इसमें कुछ सौ करोड़ रुपए की कमी ही की गई है।
बजट के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा कटौती बुनियादी ढांचे के विकास में की गई है। सरकार ने सड़क परिवहन सेक्टर में आवंटन को पिछली बार के 5.95 फीसदी से घटा कर 5.67 फीसदी कर दिया है।
इसी तरह संचार के क्षेत्र में सरकार का आवंटन पिछली बार के 2.64 फीसदी के मुकाबले इस बार 1.60 फीसदी है। यानी एक फीसदी से ज्यादा की कमी की गई है।(union budget 2025)
रेलवे में सरकार ने पिछली बार बजट के 5.41 फीसदी के बराबर आवंटन किया था, जिसे इस बार घटा कर 5.04 फीसदी कर दिया गया है। विमानन सेक्टर में भी सरकार ने आवंटन कम किया है।