bjp president : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की चर्चा नहीं हो रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए के लक्ष्मण की अध्यक्षता वाली कमेटी क्या काम कर रही है यह भी किसी को पता नहीं चल रहा है।
राज्यों में भी संगठन के चुनाव की रफ्तार धीमी हो गई है। बिहार में नामांकन की तारीखों का ऐलान होने के बाद अध्यक्ष का चुनाव रूक गया। प्रदेश अध्यक्ष राज्य सरकार के मंत्री की दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे है।
फरवरी के मध्य तक झारखंड का फैसला होना था और अध्यक्ष के साथ साथ विधायक दल के नेता का फैसला होना था। (bjp president)
लेकिन वहां भी कोई फैसला नहीं हुआ है। कर्नाटक का विवाद पार्टी सुलझा नहीं पा रही है। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष ने 20 फरवरी तक सब कुछ स्पष्ट होने की बात कही है लेकिन क्या स्पष्ट होगा, यह किसी को पता नहीं है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म हुए एक साल से ज्यादा समय बीत गए हैं। उनका कार्यकाल पिछले साल 20 जनवरी को खत्म हुआ था। उसके बाद उनको लोकसभा चुनाव तक विस्तार दिया गया। (bjp president)
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14 मार्च तक पार्टी को नया अध्यक्ष (bjp president)
लोकसभा चुनाव के बाद जब सरकार बनी तो वे फिर से स्वास्थ्य मंत्री बना दिए गए, जो वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले थे। लेकिन पिछले नौ महीने से वे पार्टी अध्यक्ष भी हैं, मंत्री भी हैं और राज्यसभा में पार्टी के नेता भी हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद कहा गया कि चार राज्यों के चुनाव के बाद नया अध्यक्ष चुना जाएगा। नतीजे भाजपा के अनकूल आ गए। तब भी फैसला नहीं हुआ। उसके बाद कहा गया कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव के बाद नया अध्यक्ष मिलेगा।
अब कहा जा रहा है कि होली तक यानी 14 मार्च तक पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। यह भी पता नहीं है कि जनवरी 2024 में नड्डा को छह महीने का जो सेवा विस्तार मिला था वह खत्म होने के बाद उनको किस तरह से विस्तार दिया गया।
सवाल है कि क्या भाजपा के दोनों शीर्ष नेता पार्टी अध्यक्ष का नाम तय नहीं कर पा रहे हैं या राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के साथ किसी नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है या कोई और मामला है? (bjp president)
अध्यक्ष का मामला कहां अटका है इस पर अब चर्चा भी नहीं हो रही है। पिछले एक साल से आधा दर्जन नेताओं के नाम चर्चा में रहे हैं। भूपेंद्र यादव से लेकर धर्मेंद्र प्रधान और मनोहर लाल खट्टर से लेकर विनोद तावड़े तक के नाम की चर्चा हुई।
अब बजट के बाद से निर्मला सीतारमण के नाम की भी चर्चा हो रही है। पार्टी का अध्यक्ष दक्षिण भारत से होगा या उत्तर भारत से, महिला होगी या पुरुष, पिछड़ा होगा या अगड़ा, क्या दलित अध्यक्ष हो सकता है आदि सभी सवालों पर बहस हो चुकी है और उन तमाम बहसों की चिंगारियां भी ठंडी होकर राख बन चुकी हैं।
अटकल लगाने वाले तमाम लोग थक कर शांत हो गए हैं। तभी अनुभवी लोग कह रहे हैं कि ऐसे चुपचाप एक दिन फैसले का ऐलान हो जाएगा। (bjp president)