राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

बीजद की भी चुनाव गडबडी की शिकायतें

Image Source: ANI

चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। आयोग ने शरद पवार की एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिव सेना की शिकायतों को भी गंभीर नहीं माना। कांग्रेस का आठ अक्टूबर को हरियाणा के चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद उसे खारिज कर दिया था और यहां तक कहा था कि वह इसे नहीं मानती है। उसके तुरंत बाद कांग्रेस के नेताओं और उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग के सामने अपनी अपनी शिकायतें रखी थीं, जिन्हें आयोग ने बिना ज्यादा समय लगाए खारिज कर दिया। इसी तरह 23 नवंबर को महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे आने के साथ ही कांग्रेस के साथ साथ उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत की। आयोग ने इन शिकायतों को भी खारिज करने में ज्यादा समय नहीं लगाया। अब महाराष्ट्र और हरियाणा के मतदान और वोटों की गिनती में गड़बड़ियों की शिकायत सुप्रीम कोर्ट में पहुंची है।

लेकिन कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों से अलग बीजू जनता दल ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद छह महीने बाद चुनाव आयोग से शिकायत की है। इसका मतलब है कि बीजद ने हड़बड़ी नहीं दिखाई। उसने सारे आंकड़े इकट्ठा किए। उनका मिलान किया। पार्टी की स्थानीय ईकाई के साथ तालमेल करके बीजद ने विस्तृत शिकायत चुनाव आयोग को भेजी है। ध्यान रहे बीजद एक समय भाजपा की सहयोगी रही है और 2024 से पहले 10 साल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को मुद्दा आधारित समर्थन भी दिया था।

Also Read: विलय कितना फायदेमंद?

तभी सवाल है कि आयोग उसकी शिकायतों को भी सीधे खारिज कर देगा या उस पर ध्यान देगा? गौरतलब है कि बीजद की शिकायतें तथ्यों पर आधारित हैं। उसने कहा है कि जितने वोट पड़े हैं उससे ज्यादा गिने गए हैं। उसने यह भी कहा है कि लोकसभा और विधानसभा के वोट एक साथ हुए लेकिन कई जगह विधानसभा में मतदान कम दिखाया गया है। सोचें, विधानसभा में आमतौर पर लोकसभा से ज्यादा मतदान होता है लेकिन ओडिशा में उलटा हुआ।

बीजू जनता दल की शिकायत बहुत वस्तुनिष्ठ है। बीजद ने बताया कि आदिवासी आरक्षित फुलबनी सीट के 57 नंबर बूथ पर डाले गए और गिने गए वोट में 682 वोट का अंतर है। इसी तरह तलसरा सीट के बूथ नंबर 165 पर 660 और 219 नंबर बूथ पर 784 वोट का अंतर है। पार्टी ने अपनी बात साबित करने के लिए निर्वाचन अधिकारी और मतगणना अधिकारी की ओर से दिए गए आंकड़े प्रस्तुत किए हैं और पूछा है कि ऐसा कैसे हो सकता है? बीजद का एक बड़ा आरोप यह है कि कई क्षेत्रों में लोकसभा के मुकाबले विधानसभा में कम वोट पड़े हैं। ढेंकनाल सीट पर यह अंतर 4,056 वोट का है तो कंधमाल में 3,521 और बोलांगीर में 2,701 वोट का है।

Also Read: चुनाव नियमों में बदलाव को चुनौती

बीजद की तीसरी शिकायत मतदान प्रतिशत को लेकर है। पार्टी ने कहा है कि मतदान समाप्त होने के बाद रात 11.45 बजे चुनाव आयोग ने जो आंकड़ा जारी किया था उससे बहुत ज्यादा वोट का आंकड़ा दो दिन बाद जारी किया। उसने पूछा है कि क्या रात पौने 12 बजे के बाद भी लोग वोट डाल रहे थे, जो मतदान प्रतिशत इतना ज्यादा बढ़ गया? चुनाव आयोग बहुत हल्के तरीके से बीजू जनता दल की शिकायतों को खारिज नहीं कर सकता है। अगर उसने विश्वास करने लायक सफाई नहीं दी या गलती नहीं मानी तो उसकी पहले से बिगड़ रही साख और बिगड़ेगी।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *