बिहार में चार सीटों के उपचुनाव से राजद नेता तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती पैदा हो गई है। उनका मुस्लिम वोट भी टूट गया है और यादव वोट में भी सेंधमारी हो गई है। नीतीश कुमार की यह बात सही साबित हो गई है कि वे अपना यादव उम्मीदवार खड़ा करके लालू और तेजस्वी के यादव उम्मीदवार को हरा देते हैं। राज्य की बेलागंज सीट पर पिछले कई दशक से राजद नेता सुरेंद्र यादव का एकाधिकार थे। इस बार सुरेंद्र यादव जहानाबाद से सांसद बन गए तो उनकी खाली की हुई सीट पर उनके बेटे विश्वनाथ यादव को उम्मीदवार बनाया गया। उनके सामने नीतीश कुमार ने मनोरमा देवी को उम्मीदवार बनाया। वे बिंदी यादव की पत्नी हैं। उन्होंने सुरेंद्र यादव का गढ़ गिरा दिया।
बेलागंज सीट पर 17 हजार से ज्यादा मुस्लिम वोट जन सुराज के मुस्लिम उम्मीदवार को गया और साढ़े तीन हजार वोट ओवैसी के उम्मीदवार गया। मुस्लिम के साथ साथ यादव वोट भी टूटा और मनोरमा देवी जीत गई। इसी तरह रामगढ़ सीट पर तेजस्वी यादव ने अपने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे को टिकट दिया। उनके एक बेटे सुधाकर सिंह के बक्सर से सांसद होने की वजह से यह सीट खाली हुई थी। लेकिन वहां बसपा ने अंबिका यादव के भतीजे को टिकट दे दिया और लगभग सारे यादव और मुस्लिम वोट उनके साथ चले गए। इस तरह बेलागंज और रामगढ़ दोनों जगह मुस्लिम और यादव का समीकरण टूट गया। अगले साल के चुनाव से पहले यह बड़ा झटका है।