लोकसभा चुनाव के नतीजे आए डेढ़ महीने हुए हैं और इस बीच राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दो बार लापता हो चुके हैं। पहली बार वे जून के अंत में लापता हुए। कई दिनों तक उनकी कोई खोज खबर नहीं मिली। पार्टी के नेताओं को भी पता नहीं था कि वे कहां गए हैं। हालांकि ट्विटर पर उनकी उपस्थिति दिख रही थी। बहरहाल, वे जुलाई में राजद के स्थापना दिवस समारोह से ठीक पहले प्रकट हुए और स्थापना दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद वे पूरे परिवार के साथ अनंत अंबानी की शादी में शामिल होने मुंबई गए और 12 जुलाई के कार्यक्रम के बाद फिर लापता हो गए। फिर किसी को जानकारी नहीं मिली कि वे कहां हैं। दूसरी बार वे विधानमंडल का सत्र शुरू होने से पहले पटना पहुंचे हैं।
इस बीच कई घटनाएं हो गईं। राजद की सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी के पिता की नृमम हत्या हो गई। इस वीभत्स हत्याकांड के बाद 13 घंटे तक तेजस्वी की प्रतिक्रिया नहीं आई। तब माना गया कि वे विदेश में और किसी दूसरी टाइम जोन में हैं तभी उनको जानकारी नहीं मिल पाई। खैर 13 घंटे बाद उन्होंने मुकेश सहनी से बात की और सोशल मीडिया में इस घटना पर शोक जताया। लेकिन फिर भी वे वापस नहीं लौटे, जबकि यह बड़ा मुद्दा था। लोकसभा चुनाव में वे पूरे समय मुकेश सहनी के साथ घूमे थे। उनके दुख के समय अगर वे साथ खड़े होते तो मल्लाह वोट जोड़ने की राजनीति भी कामयाब होती। बहरहाल, इस बीच राज्य के एक आईएएस अधिकारी और कारोबारियों के यहां ईडी का छापा पड़ा। इससे तेजस्वी भ्रष्टाचार का मुद्दा बना सकते थे लेकिन वे नदारद रहे। विपक्षी गठबंधन ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रतिरोध मार्च निकाला तो तेजस्वी उसमें से शामिल होने नहीं पहुंचे और उनकी पार्टी के ज्यादातर नेता भी घर बैठे रहे। कांग्रेस ने इस प्रदर्शन की कमान संभाली और कुछ हद तक इसे सफल बनाया।