बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा और नरेंद्र मोदी को बड़ी राहत दी है। चुनाव नतीजों में जब से भाजपा बहुमत से पीछे रही और सरकार बनाने के लिए मोदी को नीतीश के समर्थन की जरुरत पड़ी तब से कहा जा रहा था कि नीतीश मोलभाव करेंगे और सरकार को दबाव में रखेंगे। लेकिन उन्होंने किसी मसले पर मोलभाव नहीं किया और न मोदी पर दबाव डाला। मोदी ने जितने मंत्री पद दिए और जो मंत्रालय दिए वह उन्होंने रख लिया। इसके बाद कहा जा रहा था कि वे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मसला जोर शोर से उठाएंगे और इसके लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालेंगे। लेकिन पार्टी की दो दिन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने इस मामले में भी केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है।
जनता दल यू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव पास हुआ लेकिन साथ ही यह भी कहा गया कि अगर विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता है तो विशेष आर्थिक पैकेज ही दे दिया जाए। यह केंद्र के लिए बहुत आसान होता है। विशेष वित्तीय पैकेज के नाम पर केंद्र और राज्यों की योजनाओं के पैसे को ही घुमा फिरा कर भेज दिया जाता है। नीतीश ने मोदी को दूसरी राहत यह दी है कि राज्यसभा सांसद संजय झा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया है। जबसे पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह कैबिनेट मंत्री बने थे तब से कहा जा रहा था कि भाजपा को उनके साथ समन्वय बनाना होगा, जो कि मुश्किल काम होगा। अब नीतीश ने यह काम आसान कर दिया है कि क्योंकि भाजपा और जदयू के बीच अब समन्वय का काम संजय झा देखेंगे। भाजपा और जदयू को दूसरी बार नजदीक लाने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही थी। नीतीश का उनके ऊपर भरोसा है और भाजपा के सभी नेताओं के साथ उनके संबंध अच्छे हैं। इसलिए दोनों पार्टियों के बीच तालमेल की संभावना पहले से बेहतर हो गई है।