बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने परिवार को राजनीति से दूर रखा है। उन्होंने अपने बेटे निशांत को कभी भी राजनीति में लाने पर विचार नहीं किया। परिवार के दूसरे सदस्य भी राजनीति से दूर ही रहे। असल में नीतीश समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को अपना आदर्श मानते रहे हैं और कर्पूरी ठाकुर ने अपने बेटे को राजनीति से दूर रखा था। उनके नहीं रहने पर ही उनके बेटे रामनाथ ठाकुर की राजनीति में एंट्री हुई थी। उनके जीवन काल में रामनाथ ठाकुर को विधानसभा का टिकट देने की बात आई थी तब कर्पूरी ठाकुर ने कह दिया कि दोनों पिता पुत्र में से कोई एक ही लड़ेगा। इसी रास्ते पर नीतीश भी चलते रहे हैं।
परंतु अब कहा जा रहा है कि नीतीश के बेटे निशांत की राजनीति में एंट्री हो सकती है। पिछले दिनों वे स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे, जहां उन्होंने पहली बार राजनीतिक अपील की। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को उनके पिता नीतीश कुमार के पक्ष में वोट करना चाहिए क्योंकि उन्होंने बिहार के लिए बहुत काम किया है। इसके बाद से ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्दी ही उनकी सक्रिय राजनीति में एंट्री हो सकती है। जानकार सूत्रों के मुताबिक इस साल विधानसभा चुनाव के बाद उनको विधान परिषद में भेजा जा सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि निशांत की राजनीति में एंट्री की बातें भाजपा की ओर से की जा रही है क्योंकि भाजपा की योजना नीतीश को रिटायर कराने की है।