बिहार में विपक्षी पार्टियों के गठबंधन को लेकर कई तरह की खबरें आ रही हैं। पहले सीट बंटवारे को लेकर विवाद हुआ फिर उम्मीदवारों को लेकर विवाद हुआ और अब कहा जा रहा है कि भितरघात की संभावना है। कांग्रेस के जानकार नेताओं का कहना है कि लालू प्रसाद और उनका परिवार इस कोशिश में है कि कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके।
इसलिए सीट बंटवारे में अपेक्षाकृत कमजोर सीटें कांग्रेस को दी गईं। उसे भागलपुर, पटना साहिब, पश्चिम चंपारण, महाराजगंज जैसी सीटें दी गईं। कुल मिल कर किशनगंज और कटिहार ये दो सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस मजबूती से चुनाव लड़ सकती है।
लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि कटिहार सीट पर कांग्रेस के तारिक अनवर का खेल बिगाड़ने के लिए लालू प्रसाद ने अपने भरोसमंद नेता अशफाक करीम को लगाया है। वे राज्यसभा सांसद थे, जिनको इस बार टिकट नहीं मिली। राज्यसभा नहीं देने के बाद लालू उनको लोकसभा की टिकट देना चाहते थे। लेकिन कांग्रेस अड़ी तो तारिक अनवर के लिए सीट छूटी। लेकिन कहा जा रहा है कि राजद और अशफाक करीब का इकोसिस्टम अंदरखाने सक्रिय हो गया है।
इसी तरह पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया लेकिन लालू प्रसाद ने वह सीट कांग्रेस को नहीं दी। वे जदयू से लेकर बीमा भारती को लड़ा रहे हैं। बीमा भारती अभी तक की एकमात्र उम्मीदवार हैं, जिनका नामांकन कराने तेजस्वी यादव हेलीकॉप्टर से गए। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद भी बीमा भारती के लिए वोट मांगने आएंगे। जाहिर है इतनी मेहनत इसलिए हो रही है ताकि अगर पप्पू यादव निर्दलीय या दोस्ताना लड़ाई में उतरते हैं तो उनको जीतने नहीं दिया जाए। अगर पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज कांग्रेस जीती तो सीमांचल में उसका दबदबा बनेगा, जो लालू प्रसाद नहीं चाहते।