अपने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान का इंतजार लंबा होता जा रहा है। उनको 12, जनपथ का बंगला खाली करके नॉर्थ एवेन्यू में रहना पड़ रहा है और नीतीश कुमार के एनडीए से बाहर होने के 15 महीने बाद भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनको जगह नहीं मिली है। अब भी उनके पिता की बनाई पार्टी के उत्तराधिकारी के तौर पर उनके चाचा पशुपति पारस केंद्र सरकार में मंत्री हैं। जुलाई में एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने जिस अंदाज में उनको गले लगाया था और उससे पहले जेपी नड्डा ने उनको लोक जनशक्ति पार्टी के मुख्य धड़े का नेता बताया था उससे लग रहा था कि उनको केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जाएगा। लेकिन इनका इंतजार खत्म नहीं हो रहा है।
अब एक बार फिर इस बात की चर्चा हो रही है कि उनको केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जाएगा। उनके समर्थक कह रहे हैं कि किसी भी समय प्रधानमंत्री मोदी अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल का ऐलान कर सकते हैं, जिसमें चिराग पासवान को मंत्री बनाया जाएगा। पिछले कुछ समय उनको राज्यमंत्री बनाए जाने की बात बिहार भाजपा के नेता भी कह रहे हैं। नीतीश की काट में भाजपा को दलित और अत्यंत पिछड़ी जाति के नेता को आगे करना है। तभी यह भी चर्चा है कि किसी अति पिछड़ी जाति के नेता को भी केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि बिहार में जाति गणना के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा 36 फीसदी आबादी अत्यंत पिछड़ी जाति की है। यहां तक कहा जा सकता है कि भाजपा अति पिछड़ी जाति के ऐसे नेता को भी केंद्र में मंत्री बना सकती है, जो सांसद न हो। बिहार की जातीय राजनीति को देखते हुए मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल का मामला दिलचस्प हो रहा है।