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राहुल की दूसरी यात्रा का सस्पेंस

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दूसरी भारत जोड़ो यात्रा का सस्पेंस बढ़ता जा रहा है। अभी तक सिर्फ सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि राहुल दो अक्टूबर से दूसरी यात्रा शुरू कर सकते हैं। इस बार यात्रा गुजरात में महात्मा गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर से शुरू होगी और अरुणाचल प्रदेश या मेघालय तक जाएगी। पिछली बार राहुल ने दक्षिण से उत्तर की यात्रा की थी और साढ़े तीन हजार किलोमीटर पैदल चले थे। इस बार पश्चिम से पूरब की यात्रा करने वाले हैं। लेकिन अभी तक कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से इस यात्रा की घोषणा नहीं की है। कहा जा रहा है कि राहुल के लेह-लद्दाख की यात्रा से लौटने के बाद घोषणा हो सकती है।

अगर दो अक्टूबर से यात्रा शुरू होने वाली है तो उसके लिए बहुत कम समय रह गया है। हालांकि कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि यात्रा की तैयारी चल रही है। यह भी कहा जा रहा है कि इस बार पिछली बार की तरह ज्यादा तैयारी करने की जरूरत नहीं है क्योंकि पिछली यात्रा के समय ही कांग्रेस ने यात्रा के लिए और यात्रियों के ठहरने के लिए कंटेनर खरीद लिए थे। उनको बिल्कुल तैयार स्थिति में रखा गया है। जरूरत की सारी चीजें कांग्रेस के पास हैं। सिर्फ यात्रा का रूट तय करना है, भारत यात्रियों के नाम तय करने हैं और समन्वय की टीम बनानी है। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश इस बार भी मुख्य भूमिका में होंगे। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर संदेह है क्योंकि उनके राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं और वे पार्टी के मुख्य रणनीतिकार और प्रचारक भी हैं।

बहरहाल, राहुल की दूसरी यात्रा को लेकर कांग्रेस की एक मुख्य चिंता यह है कि दूसरी यात्रा ज्यादातर ऐसे राज्यों से गुजरेगी, जहां कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों का वर्चस्व है। पहली यात्रा में राहुल या तो दक्षिण भारत के राज्यों से गुजरे थे या ऐसे राज्यों से गुजरे थे, जहां कांग्रेस मजबूत है। पश्चिम से पूरब की यात्रा में ऐसा नहीं है। इस रूट में पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वोत्तर के राज्य आएंगे, जहां कांग्रेस का संगठन बहुत मजबूत नहीं है। सो, इन राज्यों की तैयारियों पर ध्यान देना होगा।

लेकिन कांग्रेस के लिए फायदे की बात यह है कि गुजरात से यात्रा शुरू होकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से गुजरेगी। इन दोनों राज्यों में नवंबर में विधानसभा का चुनाव है। अगर राहुल गांधी पैदल चलते हुए इन दोनों राज्यों से गुजरते हैं तो कांग्रेस काडर से लेकर मतदाताओं तक पर इसका असर होगा। हालांकि पिछली बार भी राहुल मध्य प्रदेश से गुजरे थे लेकिन चुनाव की वजह से इस बार ज्यादा महत्व होगा। पिछली बार वे छत्तीसगढ़ नहीं गए थे। इस बार उनकी यात्रा छत्तीसगढ़ से भी गुजरेगी। बहरहाल, पांच राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के चुनाव और अगले साल के लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस के कई नेता इस समय यात्रा के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि राहुल गांधी को चुनावी रणनीति और प्रचार पर ध्यान देना चाहिए।

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