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सिसोदिया की जगह आतिशी को मिली

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को उप मुख्यमंत्री का दर्जा नहीं किया है लेकिन अपने पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया वाले सारे मंत्रालय उनको दे दिए हैं। सिसोदिया के पास 18 मंत्रालय थे, जबकि आतिशी के पास 12 मंत्रालय हैं। जो छह मंत्रालय नहीं मिले हैं उनमें भी एक गृह मंत्रालय ही ऐसा है, जो महत्वपूर्ण है। केजरीवाल ने गृह मंत्रालय कैलाश गहलोत के पास रहने दिया है, जिनको सिसोदिया के जेल जाने के बाद उनके सारे मंत्रालय दिए गए थे। गृह के अलावा सारे अहम मंत्रालय आतिशी को मिल गए हैं। केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल जब विपक्षी पार्टियों से मिलने अलग अलग राज्यों में गए तो दिल्ली सरकार की एकमात्र मंत्री आतिशी ही थीं, जो उनके साथ गईं। बाकी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दो राज्यसभा सांसद, संजय सिंह और राघव चड्ढा होते थे।

बहरहाल, आतिशी को वित्त और राजस्व का प्रभार अभी दिया गया है। उससे पहले सिसोदिया के सारे अहम मंत्रालय जैसे बिजली, पीडब्लुडी, शिक्षा आदि उनके पास थे। इस तरह वे सरकार में नंबर दो हो गई हैं और अध्यादेश पर समर्थन जुटाने की पार्टी की राजनीति में भी उनकी भूमिका से लग रहा है कि वे पार्टी में भी महत्वपूर्ण हो गई हैं। सोचें, केजरीवाल 2015 में जीत कर जब मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने किसी महिला को मंत्री नहीं बनाया, जबकि आतिशी तो जीती ही थीं उनके अलावा पहले मंत्री रह चुकी राखी बिडलान भी जीती थीं। बहरहाल, अब केजरीवाल ने आतिशी को मंत्री बनाया है और उनके सरकार में नंबर दो का स्थान दिया है तो यह दिल्ली के साथ साथ अखिल भारतीय राजनीति में भी उनके एजेंडे को सपोर्ट करने वाला है।

By NI Political Desk

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