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हिमंत बिस्वा सरमा से बिदकते भाजपाई?

Jharkhand Politics

असम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के राजनीतिक स्टाइल से प्रदेश भाजपा में नाराजगी बढ़ती जा रही है। कुछ दिन पहले दो विधायकों ने खुल कर नाराजगी जाहिर की थी और अब एक पूर्व विधायक व पार्टी के बड़े नेता अशोक शर्मा ने भाजपा छोड़ दी है। अशोक सरमा नलबाड़ी से भाजपा के विधायक थे। वे 2016 में जीते थे लेकिन 2021 के चुनाव में उनकी टिकट कट गई थी। उनकी जगह कांग्रेस से आए जंयत माला बरूआ को टिकट दी गई। माना जा रहा है कि हिमंत ने अशोक सरमा की टिकट कटवाई। चुनाव बाद हिमंत मुख्यमंत्री बने और उसके बाद से दोनों के बीच की दूरी और बढ़ती गई।

गौरतलब है कि हिमंत बिस्वा सरमा कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए हैं और मुख्यमंत्री बने, जबकि अशोक सरमा राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े रहे और तब भाजपा की टिकट से पहली बार 2016 में चुनाव लड़े। उन्होंने न सिर्फ भाजपा छोड़ी है, बल्कि कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। असम की राजनीति के लिहाज से यह बड़ा घटनाक्रम है। जानकार सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा के राजनीतिक स्टाइल ने तमाम पुराने नेताओं को अलग थलग कर दिया है। भाजपा के पुराने नेता अपने को अप्रासंगिक मान रहे हैं, जबकि बाहर से आए दूसरे नेताओं को पार्टी और सरकार में तरजीह मिल रही है। अशोक सरमा ने पार्टी छोड़ कर नाराज नेताओं को हिम्मत दी है। अगले कुछ दिन में और नेता पाला बदल सकते हैं। राज्य में 2026 में विधानसभा चुनाव हैं। अब दो साल से भी कम समय है। तभी इस घटनाक्रम से भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ी है।

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