जो विपक्षी पार्टियां समझ रही थीं कि चुनाव की घोषणा हो गई और आचार संहिता लागू हो गई है तो अब केंद्रीय एजेंसियां चुपचाप बैठ जाएंगी और विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगी उनको सावधान हो जाना चाहिए। चुनाव की आदर्श आचार संहिता के बीच भी केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई नहीं रूकने वाली है। Arvind Kejriwal arrested
यह भी पढ़ें: चौटाला परिवार जाट वोट बंटवाएंगा
दिल्ली की शराब नीति में हुए कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसियों का अगला निशाना दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। नई शराब नीति मामले में उनकी गिरफ्तारी निश्चित दिख रही है।
यह भी पढ़ें: नेतन्याहू न मानेंगे, न समझेंगे!
हालांकि प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ दिल्ली जल बोर्ड से जुड़ी दो गड़बड़ियों से जुड़े मामले में भी जांच शुरू कर दी है और उनको समन देकर बुलाया था। ईडी ने उनको 18 मार्च को ही बुलाया था लेकिन वे हाजिर नहीं हुए। वह पहला समन था।
शराब नीति के मामले में सीबीआई बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। तभी एजेंसी ने विशेष अदालत के सामने सुनवाई में साफ कहा कि कुछ हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी होनी है। जाहिर है कि मामला सिर्फ धन शोधन का नहीं है। अगर धन शोधन का मामला होता तो गिरफ्तारी ईडी करती है, जैसा आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के मामले में हुआ।
यह भी पढ़ें: ऐसे कराएंगे एक साथ चुनाव!
उनके यहां ईडी ने छापा मारा और गिरफ्तार कर लिया। दूसरी ओर पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। बाद में जब वे सीबीआई की पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिए गए तब ईडी ने उनको गिरफ्तार किया। इसी तरह की तैयारी केजरीवाल के मामले में भी बताई रही है।
ध्यान रहे केजरीवाल ने बतौर मुख्यमंत्री अपने पास कोई विभाग नहीं रखा है। लेकिन केंद्रीय एजेंसियों का आरोप है कि नई शराब नीति बनाने में वे शामिल थे इसलिए उनके ऊपर घोटाले के साथ साथ साजिश रचने और धन शोधन का भी मामला बनता है। गौरतलब है कि के कविता की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने अदालत को यह भी बताया है कि कविता शराब नीति के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक सौ करोड़ रुपए दिए थे।
एजेंसी ने इतना डायरेक्ट आरोप लगाया है कि उसमें गिरफ्तारी से कम किसी और कार्रवाई की गुंजाइश ही नहीं है। अब सवाल है कि गिरफ्तारी कब होगी? क्या चुनाव के बीच गिरफ्तारी हो जाएगी? ध्यान रहे आम आदमी पार्टी का आरोप रहा है कि भाजपा केजरीवाल को गिरफ्तार कराना चाहती है ताकि वे चुनाव प्रचार नहीं कर सकें।
अगर चुनाव प्रचार के बीच गिरफ्तारी होती है तो केजरीवाल की पार्टी इसे बड़ा मुद्दा बनाएगी। इसका असर देश के दूसरे राज्यों में भी देखने को मिल सकता है। यह भी कहा जा रहा है एक मामले में गिरफ्तारी के बाद कई और मामलों में उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। ऐसा हुआ तो पार्टी को संभालना मुश्किल होगा। उनके लेफ्टिनेंट आपस में लड़ने लगेंगे।