दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी को लगने लगा है कि अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी जमानत मिलेगी। ईडी के मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को, फिर ईडी और सीबीआई दोनों के मामले में मनीष सिसोदिया और के कविता को जमानत मिलने के बाद आप को लग रहा है कि अगल नंबर केजरीवाल का है। उनको भी ईडी के मामले में जमानत मिल चुकी है तो सीबीआई के मामले में भी जमानत मिलना समय की बात है। तभी पार्टी ने एक नया अभियान शुरू किया है, ‘केजरीवाल आएंगे’। यह सिर्फ केजरीवाल के जेल से छूटने के लिए नहीं है, बल्कि दिल्ली में वापसी के लिए भी है।
ध्यान रहे पांच साल सरकार चलाने के बाद 2020 में जब आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने उतरी थी तब उसने ‘लगे रहो केजरीवाल’ कैम्पेन चलाया था। बताते हैं कि प्रशांत किशोर का यह आइडिया था कि केजरीवाल के राज की निरंतरता की जरुरत दिखाई जाए। इसका पार्टी को लाभ मिला। अब निरंतरता से ज्यादा यह नैरेटिव बनाया जा रहा है कि केजरीवाल को ताकत के दम पर रोकने और रास्ते से हटाने की कोशिश की जा रही है लेकिन वे ज्यादा मजबूत हैं और वापस आएंगे। इसलिए ‘केजरीवाल आएंगे’ का अभियान शुरू हुआ है। ‘लगे रहो केजरीवाल’ का स्लोगन हिंदी की सुपरहिट फिल्म ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ से लिया गया तो ‘केजरीवाल आएंगे’ का स्लोगन एक दूसरी हिट फिल्म ‘करण अर्जुन’ से लिया गया है।