लोकसभा चुनाव से पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक तरफ उनकी बहन वाईएस शर्मिला को कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, जिससे कांग्रेस में जान लौटी है तो दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार करके खुद जगन ने टीडीपी का अवसर बनाया है। इस बीच उनकी पार्टी में भगदड़ मची है और सांसदों के पार्टी छोड़ने का सिलसिला चल रहा है। उनके एक और सांसद ने मंगलवार को पार्टी छोड़ दी। पिछले एक महीने में तीन सांसद उनकी पार्टी से अलग हो चुके हैं। गौरतलब है कि जगन की पार्टी ने पिछले चुनाव में लोकसभा की 25 में से 22 और विधानसभा की 175 में से 157 सीटें जीती थीं। अगले दो-तीन महीने में वहां लोकसभा के साथ ही विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं।
बताया जा रहा है कि वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी अपने कुछ सांसदो की टिकट काटने वाले हैं और कुछ सांसदों की सीटें बदलने की योजना है। ऐसे ही सांसद उनकी पार्टी छोड़ रहे हैं। मंगलवार को पार्टी छोड़ने वाले 40 साल के श्रीकृष्णा देवरायलु पलनाडु जिले की नारसराओपेट सीट से सांसद हैं। वे पहली बार चुनाव जीते थे। किसी ओबीसी उम्मीदवार को टिकट देने के लिए उनसे सीट खाली करने को कहा गया था। उन्हें दूसरी सीट दी जा रही थी लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ दी। उनसे पहले कुरनूल के सांसद डॉक्टर संजीव कुमार और मछलीपट्टनम के सांसद वल्लाभानेनी बालाशौरी ने पार्टी छोड़ी थी। इस बीच उनकी बहन और कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने आंध्र प्रदेश की यात्रा शुरू कर दी है। उन्होंने राज्य सरकार पर हमला किया है और दावा किया है कि राज्य में विकास का कोई काम नहीं हुआ है और यहां तक कि राज्य बिना किसी राजधानी के है।