तेलुगू देशम पार्टी के नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी कोई मामूली घटना नहीं है। आधी रात के बाद ऑपरेशन चला कर पुलिस की भारी भरकम टीम उनके नांदयाल स्थित चुनाव प्रचार कैंप में पहुंची और तीन बजे उनको जगा कर गिरफ्तार किया। यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों की राजनीति को बदलने वाला साबित हो सकता है। चुनाव से आठ-नौ महीना पहले जब प्रचार शुरू हो चुका है इतने बड़े नेता को गिरफ्तार करके मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने बड़ा जोखिम लिया है। नायडू की गिरफ्तारी के तुरंत बाद भाजपा और जन सेना ने इसकी आलोचना की। लेकिन कांग्रेस पार्टी 24 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी खामोश रही। यह भी राजनीति बदलने का एक संकेत है।
गौरतलब है कि राज्य में भाजपा, जन सेना और टीडीपी का तालमेल होने की बात चल रही थी। भाजपा के साथ टीडीपी के तालमेल को पटरी से उतारने के लिए जगन ने इतनी बड़ी कार्रवाई की। इसके बावजूद अगर तीनों पार्टियों का तालमेल हो जाए तो क्या होगा? उधर पड़ोसी राज्य तेलंगाना में जगन की बहन वाईएस शर्मिला की वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के साथ कांग्रेस का तालमेल होने वाला है। क्या इस वजह से कांग्रेस इस समय जगन की आलोचना नहीं कर रही है? कहीं ऐसा तो नहीं है कि वाईएसआर के परिवार के साथ ही कांग्रेस की बात चल रही है? क्या जगन और कांग्रेस फिर करीब आ सकते हैं? राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। इसलिए अगले कुछ दिन दोनों राज्यों के लिए बहुत अहम हैं। दोनों राज्यों में नया गठबंधन आकार ले सकता है।