भारतीय जनता पार्टी और मौजूदा केंद्र सरकार की एक खासियत है कि कहीं भी चुनाव हो रहे हों वह दिल्ली से उसे साधने का दांव चल सकती है। जम्मू कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनाव के दौरान कितने नीतिगत फैसले दिल्ली में हुए वह मिसाल है। उन फैसलों से भाजपा ने एक बड़े वोट आधार को साधा। उसी तरह अब झारखंड में चुनाव हो रहे हैं तो उसे साधने का एक बड़ा दांव दिल्ली में चला जा रहा है। झारखंड के ही नहीं समूचे आदिवासी समुदाय के सबसे बड़े नायकों में से एक भगवान बिरसा मुंडा की एक प्रतिमा दिल्ली में स्थापित की जा रही है।
देश के अलग अलग राज्यों और अलग अलग जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले नायकों की मूर्तियां दिल्ली में खोजने पर भी नहीं मिलती हैं। लेकिन दिल्ली में सराय काले खां के पास एक पार्क में भगवान बिरसा मुंडा की मूर्ति लगेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसका अनावरण करेंगे। गौरतलब है कि 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती है और वही झारखंड का स्थापना दिवस भी है। उसी मौके पर मूर्ति का अनावरण होगा। यह मूर्ति 20 फीट ऊंची होगी। कहने की जरुरत नहीं है कि इसका असर झारखंड में दिखेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित कर चुके हैं। गौरतलब है कि झारखंड में भाजपा को आदिवासी विरोधी पार्टी के तौर पर देखा जाता है। वह इस छवि को बदलने की कोशिश में है।