भाजपा की सरकारों का ऐतिहासिक इमारतों, शहरों, जिलों आदि का नाम बदलने का सिलसिला जारी है। देश के किसी न किसी हिस्से से आए दिन खबर आती है कि अमुक शहर का नाम बदल दिया गया या अमुक स्टेशन का नाम बदल दिया गया या अमुक होटल का नया नाम रख दिया गया। इन सबमें एक बात कॉमन होती है और वह ये है कि पुराना नाम किसी मुस्लिम का होता है या उर्दू ओरिजिन का होता है। अभी ताजा मामला असम और राजस्थान सरकार का है। असम में हिमंत बिस्वा सरमा ने एक जिले का नाम बदल दिया है तो राजस्थान में सरकार ने अजमेर के एक होटल का नाम बदला है।
राजस्थान के अजमेर में राज्य पर्यटन निगम के होटल ‘खादिम’ का नाम बदल कर ‘अजयमेरू’ कर दिया गया है। पर्यटन निगम ने इसका आदेश जारी कर दिया है। कहा जा रहा है कि राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष और अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी के आदेश के पर ऐसा किया गया है। बताया जाता है कि पृथ्वीराज चौहान के समय और उससे पहले अजमेर का नाम अजयमेरू ही था। बहरहाल, अजमेर में किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम भी बदल कर स्वामी दयानंद सरस्वती के नाम पर करने का निर्देश दिया गया है। अजमेर के होटल के अलावा दूसरा बदलाव असम में हुआ है, जहां राज्य सरकार ने करीमगंज जिले के नाम बदल कर श्रीभूमि कर दिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि करीमगंज को सबसे पहले गुरुदेव रबिंद्रनाथ टैगोर ने श्रीभूमि-मां लक्ष्मी की भूमि कहा था। उनके दृष्टिकोण का सम्मान करने के यह नाम रखा गया है।