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अजित पवार की दशा दुष्यंत चौटाला वाली

Ajit Pawar Dushyant ChautalaImage Source: ANI

Ajit Pawar Dushyant Chautala: महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर एक चरण में बुधवार, 20 नवंबर को मतदान हो गया। एक्जिट पोल के नतीजे भी आ गए लेकिन सस्पेंस खत्म नहीं हो रहा है।

इसके बावजूद एक बात साफ दिख रही है कि अजित पवार, जिनके पास चुनाव आयोग और विधानसभा स्पीकर की कृपा से असली एनसीपी है उनकी दशा वैसी ही होने वाली है, जैसी हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की हुई।

हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक थे और उनको 2019 में 14 फीसदी के करीब वोट मिला था। लेकिन 2024 के चुनाव में उनके सहित उनकी पार्टी से कोई नहीं जीत पाया और एक फीसदी के करीब वोट मिला।

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अगर अजित पवार बारामती से जीते तो

इसी तरह महाराष्ट्र में अपने चाचा शरद पवार की पार्टी तोड़ कर अजित पवार अलग हुए। बाद में चुनाव आयोग ने उनके खेमे को असली एनसीपी मान लिया क्योंकि उनके पास 40 विधायक थे।

इस बार वे भाजपा गठबंधन में हैं और 53 सीटों पर विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन जैसे हरियाणा में दुष्यंत चौटाला 10 से जीरो पर पहुंचे वैसे ही अजित पवार 40 से 10 पर पहुंच सकते हैं।

लोकसभा चुनाव में भी वे चार सीटों पर लड़े थे और एक सीट जीत पाए थे। यानी उनका स्ट्राइक रेट 25 फीसदी है और वही विधानसभा में भी रहने की संभावना है।

अब सिर्फ इस बात का सस्पेंस है कि बारामती सीट पर कौन जीतता है। वे खुद बारामती से लड़ रहे हैं, जहां शरद पवार ने उनके सगे भतीजे युगेंद्र पवार को उम्मीदवार बनाया है।

अगर अजित पवार बारामती से जीत जाते हैं तो उनकी राजनीति बची रह जाएगी अन्यथा वे राज ठाकरे की तरह हाशिए की राजनीतिक ताकत बन कर रह जाएंगे।

By NI Political Desk

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