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दिल्ली सरकार गलतियों, जिम्मेदारियों से परे है

Air pollutionImage Source: ANI

Air pollution, दिल्ली का दम घुट रहा है। दिल्ली वाले सांस के रूप में जहर खींच कर अपने शरीर में भर रहे हैं। दिल्ली में मेडिकल इमरजेंसी है। लेकिन दिल्ली सरकार की इसमें कोई गलती नहीं है और न उसकी कोई जिम्मेदारी है। ऐसा दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा है। मजेदार बात यह है कि दिल्ली के साथ साथ आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार की भी कोई जिम्मेदारी नहीं है।

देश की दो महिला मुख्यमंत्रियों में से एक, देश की सबसे पढ़ी लिखी और रोड्स स्कॉलर मुख्यमंत्री आतिशी का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारें जिम्मेदारी हैं। इन तीनों राज्यों में भाजपा की सरकार है। जब तक पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं बनी थी, तब तक दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार होती थी। लेकिन अब तो पंजाब सरकार पंजाब के प्रदूषण के लिए भी जिम्मेदार नहीं है। गौरतलब है कि दिवाली के समय अमृतसर देश के तीन सबसे प्रदूषित शहरों में था। लेकिन उसके लिए भी आप की सरकार जिम्मेदार नहीं है।

दिल्ली प्रदूषण: केजरीवाल और आतिशी की जिम्मेदारी से बचने की राजनीति

इस लिहाज से कह सकते हैं कि अरविंद केजरीवाल की असली उत्तराधिकारी आतिशी हैं। अरविंद केजरीवाल भी काफी पढ़े लिखे हैं और वे भी हमेशा दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे हैं और दूसरे के किए काम का श्रेय लेते रहे हैं। वही काम अब आतिशी कर रही हैं। हकीकत यह है कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदार दिल्ली सरकार है। उसके बाद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश या राजस्थान उतने ही जिम्मेदार हैं, जितना पंजाब है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल 10 साल से सरकार चला रहे हैं लेकिन प्रदूषण कम हो, लोगों को साफ हवा और पानी मिले इसके लिए सरकार ने कोई काम नहीं किया।

एक भी काम ऐसा नहीं किया गया, जिससे लंबे समय में दिल्ली को प्रदूषण से मुक्ति मिले। हर साल नवंबर के महीने में कुछ छोटे मोटे तात्कालिक राहत वाले उपाय किए जाते हैं। इन दो महीनों में सरकार पूरी बेशर्मी से अदालतों की फटकार बरदाश्त कर लेती है, मीडिया की रिपोर्ट देख कर झूठा बयान जारी कर देती है और दूसरी पार्टियों के शासन वाले राज्यों को जिम्मेदार ठहरा देती है। फिर बात आई गई हो जाती है।

दिल्ली सरकार के प्रदूषण नियंत्रण उपाय: सिर्फ दिखावा या वास्तविक समाधान?

सरकार जो उपाय कर रही है उससे प्रदूषण पर कोई असर नहीं होता है, उलटे लोगों को परेशानी अलग होती है। जैसे दिल्ली सरकार सड़कों पर पानी की छिड़काव कर रही है। इससे पूरी दिल्ली की सड़कों पर पानी का छिड़काव करने वाली गाड़ियों की वजह से लंबे जाम लग रहे हैं। गाड़ियां सड़क पर पानी का छिड़काव कर रही हैं और बगल में फुटपाथ और उसके बाद के हिस्से में पड़ी धूल वैसे ही उड़ रही है।

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के नाम पर कलस्टर बसें और डीटीसी की बसों की संख्या बढ़ा दी है, जो सड़कों पर खाली दौड़ रही हैं और ट्रैफिक बढ़ा रही हैं। कुछ करते दिखने का सबसे आसान उपाय यह होता है कि स्कूल, कॉलेज बंद करा दो और निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दो। यह सब भी हो गया है। लेकिन इनसे रत्ती भर फर्क नहीं पड़ता है। फिर भी हर साल सर्दियों में यही नौटंकी चलती है। बदलाव यह हुआ है कि 10 साल पहले केजरीवाल खांसते हुए आए थे लेकिन अब उनकी खांसी ठीक हो गई है और पूरी दिल्ली खांस रही है।

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By NI Political Desk

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