ऐसा लग रहा है कि सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ चलाया गया विपक्षी पार्टियों का अभियान कुछ रंग लाएगा। सरकार इस योजना के तहत भर्ती होने के अग्निवीरों की सेवा शर्तों में कुछ सुधार करने पर विचार कर रही है। जानकार सूत्रों के मुताबिक सरकार इसमें कई बदलाव कर सकती है। गौरतलब है कि चुनाव प्रचार में जब राहुल गांधी और अखिलेश यादव के साथ साथ दूसरे तमाम विपक्षी नेताओं ने कहना शुरू किया कि ‘इंडिया’ ब्लॉक की सरकार बनी तो वह अग्निवीर योजना को खत्म कर देगी तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सरकार समय समय पर इसमें बदलाव और सुधार के काम करेगी। नतीजों के बाद इसी लाइन पर जनता दल यू के नेता केसी त्यागी ने अग्निवीर योजना में सुधार की बात कही।
अब खबर आ रही है कि सरकार इस पर विचार कर रही है। सेवा की अवधि बढ़ाने से लेकर ज्यादा अग्निवीरों को सेना में ही एडजस्ट करने जैसे विचारों पर चर्चा हो रही है। जानकार सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले तो सरकार अग्निवीरों को दी जाने वाली ट्रेनिंग की अवधि बढ़ा सकती है। फिलहाल छह महीने की ट्रेनिंग का प्रावधान है, जिसे एक से डेढ़ महीने तक बढ़ाया जा सकता है। अभी अग्निवीरों की सेवा अवधि चार साल की है। यानी चार साल की सेवा के बाद उनको अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया जाएगा। लेकिन अब कहा जा रहा है कि इसे बढ़ा कर सात साल किया जा सकता है। इसी तरह यह भी कहा जा रहा है कि अब 25 फीसदी की बजाय 50 फीसदी अग्निवीरों को सेना में एडजस्ट करने का कानून आ सकता है। हालांकि अभी इस बारे में पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन इस बार के चुनाव प्रचार में जिस तरह से यह मुद्दा बना उसे देखते हुए सरकार इस पर कुछ विचार कर सकती है।