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विचाराधीन कैदी केजरीवाल विज्ञापन से बाहर

Delhi CM Arvind Kejriwal summons

सोचें, एक राज्य के मुख्यमंत्री को एक ही कार्यक्रम के दो दो दिन विज्ञापन छपवाने की मंजूरी है तो एक दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री को विचाराधीन कैदी बता कर उसकी तस्वीर सरकारी विज्ञापन से हटवा दी गई! पहला मामला ओडिशा का और दूसरा दिल्ली सरकार का है। असल में दिल्ली सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त के लिए दिल्ली के अखबारों को विज्ञापन जारी किया। राज्य सरकार की मंत्री आतिशी ने विज्ञापन जारी कराया, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फोटो लगी है। लेकिन 15 अगस्त को जो विज्ञापन छपा उसमें केजरीवाल की फोटो नहीं थी और विज्ञापन भी छोटा हो गया था।

अब पता चला है कि उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के आदेश से विज्ञापन में बदलाव किया गया था। बताया जा रहा है कि उप राज्यपाल ने कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल में बंद हैं, इसलिए वे एक विचाराधीन कैदी हैं और सरकारी विज्ञापन में विचाराधीन कैदी की फोटो नहीं छप सकती है। सोचें, यह कैसी विडम्बना है कि एक विचाराधीन कैदी जेल में रह कर सरकार चला सकता है लेकिन सरकारी विज्ञापन में उसकी तस्वीर नहीं छप सकती है! यह भारत में ही संभव है। सुप्रीम कोर्ट तक को इस पर आपत्ति नहीं है कि केजरीवाल जेल में रह कर मुख्यमंत्री बने हुए हैं लेकिन उप राज्यपाल ने इसी आधार पर उनकी तस्वीर उनकी ही सरकार की ओर से जारी विज्ञापन में से हटवा दी और विज्ञापन का आकार भी छोटा कर दिया।

By NI Political Desk

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