तृणमूल कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर चलने वाली बहस कभी खत्म नहीं होती है। जरा सी भी बात होती है तो पार्टी के अंदर ममता बनर्जी बनाम अभिषेक बनर्जी की बहस शुरू हो जाती है। पिछले दिनों 23 नवंबर को ममता बनर्जी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक कार्यक्रम कोलकाता के नेताजी सुभाष इनडोर स्टेडियम में रखा। उस कार्यक्रम में अभिषेक बनर्जी नहीं शामिल हुए। हालांकि स्टेडियम में लगाए गए बड़े स्क्रीन पर उनकी वीडियो दिखाई गई और ममता बनर्जी ने कहा कि वे स्वास्थ्य कारणों से शामिल नहीं हुए हैं। लेकिन इसके बावजूद बहस थम नहीं रही है। पार्टी के नेता इसके पीछे कोई बड़ा कारण खोजने में लगे हैं। कहा जा रहा है कि कार्यक्रम बहुत जल्दबाजी में आयोजित किया गया और अभिषेक बनर्जी व उनके समर्थकों को इसकी समय से सूचना नहीं मिल पाई थी।
तभी तृणमूल कांग्रेस के कई बड़े नेता इसमें नए और पुराने की बहस खोज रहे हैं। पार्टी के एक बड़े नेता ने कहा कि अगर सुनील गावसकर रिटायर नहीं होते तो सचिन तेंदुलकर को मौका कैसे मिलता और सचिन रिटायर नहीं होते तो विराट कोहली कैसे आगे बढ़ते। इसका मतलब है कि ममता बनर्जी को अब रिटायर होना चाहिए और अभिषेक बनर्जी को कमान सौंपनी चाहिए। असल में पार्टी के अंदर यह चर्चा काफी समय से हो रही है कि अगले विधानसभा चुनाव यानी 2026 से पहले ममता बनर्जी को अपने भतीजे अभिषेक को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए। तभी वे अपने नाम और काम के दम पर युवा और नए मतदाताओं को अपने साथ जोड़ पाएंगे। दूसरी ओर पार्टी के पुराने नेता चाहते हैं कि ममता के नेतृत्व में ही अगला चुनाव लड़ा जाए, उसके बाद भले कमान अभिषेक को सौंप दी जाए। ऐसी सोच वाले नेताओं का कहना है कि अभिषेक को अभी कमान देने पर केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो जाएगी और उसका नुकसान पार्टी को होगा।