दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कथित शराब नीति घोटाले में जेल जाना एक आपदा की तरह था लेकिन पार्टी ने इस आपदा को अवसर में बदल दिया है। केजरीवाल जब 21 मार्च को जेल गए तब ऐसी स्थिति थी कि राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी जेल में थे और पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तो पहले से ही जेल में थे। एक अन्य मुखर नेता और राज्यसभा सांसद आंख के इलाज के नाम पर लंदन में थे। वे अब भी लंदन में ही हैं।
तभी इन तमाम बड़े नेताओं की गैरहाजिरी में आम आदमी पार्टी को एक नेता, एक चेहरे की जरुरत थी। तब मौके का फायदा उठाते हुए सुनीता केजरीवाल को आगे किया गया। आप की आपदा के दौरान उन्होंने कमान संभाली और पार्टी के लिए प्रचार किया। विपक्षी पार्टियों की दिल्ली की रैली में भी शामिल हुईं और रांची में भी जाकर रैली में हिस्सा लिया।
सुनीता केजरीवाल को जिस तरह का रिस्पांस मिला और विपक्षी पार्टियों ने जितने सहज रूप से उनको स्वीकार किया उससे अपने आप उनकी जगह पक्की हो गई। फिर संजय सिंह जेल से छूट कर आ गए तब भी सुनीता केजरीवाल नेता बनी रहीं। एक एक करके राज्यों के स्टार प्रचारकों की सूची जारी हुई और सबमें सुनीता केजरीवाल को स्टार प्रचारक बनाया गया। अब चुनाव प्रचार करने के लिए ही अरविंद केजरीवाल जमानत पर जेल से रिहा हुए हैं तब भी पार्टी की नंबर दो स्टार प्रचारक सुनीता केजरीवाल ही हैं।
अभी आप ने पंजाब की सूची जारी की, जिसमें मुख्यमंत्री केजरीवाल के बाद दूसरा नाम सुनीता का है। इस तरह आप ने आपदा को अवसर में बदल दिया है। अब सुनीता केजरीवाल पार्टी की नंबर दो नेता के तौर पर स्थापित हो गई है। केजरीवाल एक जून को फिर जेल जाएंगे। उसके बाद आरोपपत्र दाखिल होते हैं और बाद में सीबीआई भी उनको गिरफ्तार करती है और सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो यह तय हो जाएगा कि उनको लंबे समय तक जेल में रहना होगा। ऐसे में उनको इस्तीफा देना पड़ सकता है। तब सुनीता केजरीवाल दिल्ली की मुख्यमंत्री बन सकती हैं।