यह लाख टके का सवाल है कि क्या अब आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल पीछे हटेंगी? संक्रमण काल में यानी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों के जेल में रहने के दौरान उन्होंने पार्टी के नंबर एक नेता की भूमिका निभाई थी। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी उनकी इस भूमिका को स्वीकार किया था।
लेकिन अब सिसोदिया की जेल से रिहाई के बाद हालात बदल गए हैं। तभी यह सवाल उठ रहा है कि क्या अब सुनीता केजरीवाल फिर परदे के पीछे चली जाएंगी या सक्रिय राजनीतिक भूमिका निभाती रहेंगी? गौरतलब है कि उस अवधि में सुनीता केजरीवाल काफी सक्रिय रहीं। वे विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की रामलीला मैदान में हुई रैली में शामिल हुईं। वे कल्पना सोरेन समर्थन में रांची की रैली में शामिल हुईं और लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी जिन सीटों पर लड़ रही थी उन पर खूब प्रचार किया।
सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने हरियाणा में आम आदमी पार्टी का चुनाव अभियान लॉन्च किया। उससे पहले पार्टी ने ऐलान किया कि वह हरियाणा की सभी 90 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। इस घोषणा के बाद वहां पार्टी ने एक रैली की, जिसमें सुनीता ने चुनाव प्रचार का बिगुल फूंका। आम आदमी पार्टी इसी तरह के एक कार्यक्रम के जरिए दिल्ली में चुनाव प्रचार अभियान लॉन्च करने जा रही है। बुधवार यानी 14 अगस्त को यह कार्यक्रम होगा लेकिन इस बार दिल्ली का प्रचार अभियान मनीष सिसोदिया लॉन्च कर रहे हैं।
इससे पहले चुनाव की तैयारियों को लेकर पार्टी के तमाम बड़े नेताओं की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता भी सिसोदिया ने की। जेल से छूट कर आने के बाद उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों की कमान अपने हाथ में संभाल ली है। उनको पता है कि सरकार में अभी भूमिका नहीं बन सकती है इसलिए वे पार्टी में अपनी नंबर दो की पोजिशन को मजबूत करने में लगे हैं। दूसरी ओर पार्टी का एक खेमा चाहता है कि सुनीता केजरीवाल नंबर दो नेता की भूमिका निभाती रहें। अगले कुछ दिन में इस राजनीति में कुछ दिलचस्प चीजें देखने को मिल सकती हैं।