आम आदमी पार्टी ने राघव चड्ढा को राज्यसभा में पार्टी का नेता बना दिया है। पहले संजय सिंह पार्टी के नेता थे। लेकिन वे शराब नीति घोटाले में जेल में बंद हैं। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह दोनों जेल में हैं। सिसोदिया की जगह दिल्ली में आतिशी को उनकी तरह ढेर सारे मंत्रालय देकर अघोषित रूप से उप मुख्यमंत्री बना दिया गया है और उधर संजय सिंह की जगह राघव चड्ढा को संसदीय दल का नेता बना दिया गया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि संजय सिंह की गैरहाजिरी में पार्टी की बात रखने के लिए नेता की जरूरत थी।
हालांकि इस तर्क का कोई मतलब नहीं है। बिना नेता बनाए भी चड्ढा सदन में पार्टी के नेता की तरह काम कर रहे थे और ऐसा इसलिए था कि केजरीवाल ने संसद के उच्च सदन में सिर्फ कारोबारियों या अराजनीतिक लोगों को भेजा है। सदन में बात रखने के लिए चड्ढा को नेता बनाने की जरुरत नहीं थी। ज्यादा से ज्यादा उनको उप नेता बना दिया जाता। हालांकि इसके बगैर भी वे पार्टी की ओर से बात रख सकते थे। सदन में बोलने या बात रखने के लिए पार्टी के नेता को समय आवंटित नहीं होता है, बल्कि पार्टी को उसकी सदस्य संख्या के हिसाब से समय आवंटित होता है और पार्टी तय करती है कि उसकी ओर से कौन बोलेगा और कितनी देर बोलेगा। चड्ढा को सदन में नेता बनाने से संजय सिंह के भविष्य पर सवाल इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि एक महीना 10 दिन के बाद उनका राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। अगर वे जेल में ही रहते हैं तो हो सकता है कि उनको फिर से राज्यसभा के लिए मनोनीत नहीं किया जाए।