दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिर जेल चले गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वे 21 दिन के लिए जेल से बाहर आए थे और चुनाव प्रचार करने के बाद उनको फिर सरेंडर करना पड़ा है। इस बार जेल जाने से पहले उन्होंने अपनी पार्टी के तमाम बड़े नेताओं के साथ एक बैठक की। पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के सारे सदस्य उसमें शामिल हुए। फिर उन्होंने विधायकों के साथ भी बैठक की। बताया जा रहा है कि दोनों बैठकों में पार्टी के संचालन और अगले साल जनवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस बात पर भी विचार हुआ कि केजरीवाल के जेल में रहने पर पार्टी के कामकाज कौन संभालेगा। उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने जो चुनाव प्रचार किया लेकिन क्या वे पार्टी का रोजमर्रा का कामकाज भी देखेंगी? बताया जा रहा है कि इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया।
लेकिन कहा जा रहा है कि पार्टी के चुनाव रणनीतिकार संदीप पाठक को केजरीवाल ने अधिकृत किया है कि पार्टी का कामकाज देखने के लिए। बताया जा रहा है कि चूंकि विधानसभा चुनाव में अब सात, आठ महीने ही रह गए हैं तो अब पार्टी का जो भी काम होगा वह चुनाव के लिहाज से होगा और चूंकि चुनाव संदीप पाठक को ही लड़वाना है इसलिए वे ही कामकाज संभालेंगे तो बेहतर होगा। पार्टी में इससे कई लोग नाराज बताए जा रहे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों पार्टी में तीन ‘एस’ की चर्चा थी। संदीप पाठक, सुनीता केजरीवाल और संजय सिंह। माना जा रहा था कि केजरीवाल संजय सिंह को पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी सौंप कर जेल जाएंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। लेकिन अगर वे सुनीता केजरीवाल को जिम्मेदारी देते तो संजय सिंह नाराज हो सकते थे। तभी बीच का रास्ता निकालते हुए उन्होंने संदीप पाठक को आगे कर दिया।