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संजय सिंह ने क्यों की जल्दबाजी?

आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बेहद जल्दबाजी में मीडिया में यह बयान दे दिया कि पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बदसलूकी हुई है और यह बेहद निंदनीय घटना है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री के पीए बिभव कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि स्वाति मालीवाल के साथ यह कथित घटना 13 मई को हुई है और संजय सिंह ने 15 मई को इस पर बयान दिया। लेकिन पार्टी की राय इससे अलग है। आम आदमी पार्टी 17 मई को खुल कर बिभव के पक्ष में उतरी। इससे पहले भी 16 मई को केजरीवाल ने अपने पीए बिभव को अपने साथ लखनऊ ले जाकर यह दिखा दिया था कि वे संजय सिंह के बयान से सहमत नहीं हैं और वे कोई कार्रवाई नहीं करने जा रहे हैं। इसके अगले दिन पार्टी ने बिभव का समर्थन किया और मालीवाल को भाजपा का एजेंट बताया।

इस बीच शुक्रवार को एक 52 सेकेंड का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें सीएम आवास में बैठ कर उलटे स्वाति मालीवाल सीएम आवास के सुरक्षाकर्मियों और बिभव से बदसलूकी कर रही हैं। इस वीडियो के साथ ही आप ने पूरा नैरेटिव बदलने का प्रयास शुरू किया। फिर राज्य सरकार की महिला मंत्री आतिशी ने प्रेस कांफ्रेंस करके स्वाति मालीवाल पर हमला किया। उनसे जब पूछा गया कि संजय सिंह ने कयों बिभव की गलती मानी तो उनका कहना था कि उस समय उनके सामने सिर्फ स्वाति का पक्ष था। सवाल है क्यों उन्होंने बिभव या पार्टी का पक्ष जाने बगैर मीडिया में बयान दिया था? ऐसा लग रहा है कि इसके पीछे कुछ और कहानी है। माना जा रहा है कि पार्टी का एक तबका बिभव से नाराज रहता है। सीएम से उनकी नजदीकी और उनकी हैसियत से लोग परेशान रहते हैं। दूसरे, पार्टी का एक खेमा इस घटनाक्रम के बहाने केजरीवाल के दबाव में आने की उम्मीद भी कर रहा है। हालांकि केजरीवाल ने संजय सिंह को राज्यसभा का लगातार दूसरा कार्यकाल दे दिया है। फिर भी उनकी जल्दबाजी समझ में नहीं आने वाली है।

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