दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं और उनकी पार्टी के अंदर नेताओं की खींचतान शुरू हो गई है। हालांकि राज्यसभा सांसद संजय सिंह के जेल से छूट जाने से उम्मीद की जा रही है कि वे कुछ अनुशासन बहाल कराएंगे लेकिन अगर केजरीवाल ज्यादा समय तक अंदर रहे तो उनकी पार्टी के नेता आपस में लड़ पड़ेंगे। जानकार सूत्रों का कहना है कि आतिशी की सक्रियता कई नेताओं को खटक रही है।
वे अपने को उप मुख्यमंत्री मान रही हैं। इसलिए वे सरकारी कामकाज में भी और पार्टी के कामकाज में भी सबसे आगे रह रही हैं। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ भी वे हर जगह दिख रही हैं और ऐसा मैसेज बनवा रही हैं, जैसे सुनीता केजरीवाल उनकी सलाह से काम कर रही हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि सरकार के एक अन्य मंत्री सौरभ भारद्वाज कई फैसलों से खुश नहीं हैं। वे परोक्ष रूप से अरविंद केजरीवाल के फैसलों पर सवाल उठा रहे हैं। पिछले दिनों वे एक यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू दे रहे थे और उस दौरान उन्होंने पंजाब के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पता नहीं क्यों हरभजन सिंह हमारे लिए स्पिन नहीं करा रहे हैं। असल में पार्टी के इस तमाम संकट के समय न सिर्फ हरभजन सिंह, बल्कि पंजाब से राज्यसभा भेजे गए सभी सांसद लापता हैं। पंजाब के अकेले नेता भगवंत मान थोड़ी सक्रियता दिखा रहे हैं।
सोचें, पंजाब से आम आदमी पार्टी के सात राज्यसभा सांसद हैं। इनमें हरभजन सिंह और राघव चड्ढा को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी है। राघव चड्ढा आंख की सर्जरी के नाम पर लंदन में बैठे हैं। पिछली बार अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल को राज्यसभा भेजा। वे अपनी बहन के इलाज के लिए अमेरिका में हैं।
कुल मिला कर आप के 10 राज्यसभा सांसदों में से कई भी ऐसा नहीं है, जो सड़क पर उतर कर अरविंद केजरीवाल की लड़ाई लड़े। इनमें से संजय सिंह अभी जेल से छूटे हैं तो वे कुछ करेंगे। लेकिन बाकी किसी का कुछ पता नहीं है। ध्यान रहे राज्यसभा के सभी सदस्यों को सीधे अरविंद केजरीवाल ने चुना है और उनकी गिरफ्तारी के बाद उनमें से कोई राजनीतिक लड़ाई लड़ने बाहर नहीं निकला है। राघव चड्ढा और स्वाति मालिवाल के प्रमोशन से भी कई नेता चिढ़े हैं।