नमस्कार, मैं हरिशंकर व्यास। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अब गिनती के दिन रह गए हैं। ऐसे में अमेरिका ही नहीं दुनिया के सामने एक ही सवाल कि क्या अमेरिकी जनता सिर्फ मैं ही मैं की सोच वाले उस डोनाल्ड ट्रंप को चुनकर बर्बादी को न्योता देगी जो बदले की भावना से ग्रस्त हैं या फिर स्वंतत्र, लोकतांत्रिक और समानता की सोच पर मुहर लगाकर अमेरिका के मल्टी कल्चर को और पुख्ता बनाएगी। दरअसल हाल के कुछ दिनों में डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रचार के दौरान जिन हथकंडों को अपनाया है उससे उनकी वोटों के धुव्रीकरण की सोच को आसानी से समझा जा सकता है और अगर वो कामयाब होते हैं तो फिर ये इक्कीसवीं सदी में जरासंध के पैदा होने जैसा होगा। तभी इस बार का अमेरिकी चुनाव बहुत ही दिलचस्प और खास है अमेरिका के लिए भी और दुनिया के लिए भी। इसीलिए अपन तो कहेंगे कॉलम में इस बार मेरे विचार का शीर्षक है अमेरिका क्या बरबादी न्योतेगा?