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ट्रंप को पुतिन से ‘बड़े फायदे’!

russia ukraine warImage Source: ANI

russia ukraine war : पिछले हफ्ते-दस दिन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो दुष्ट व्यक्तियों की झोली को ढेर सारी खुशियों से भर दिया है।

पहले उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू को खुश किया और अब व्लादिमीर पुतिन को बाग-बाग कर दिया है। बारह फरवरी को टेलीफोन पर पुतिन से बात करने के बाद ट्रंप ने घोषणा की है कि यूक्रेन युद्ध को ख़त्म करने के लिए ‘तुरंत’ बातचीत शुरू होगी।

ट्रंप ने रूसी नेता को फ़ोन लगाने से पहले न तो यूक्रेन से बात करना उचित समझा और ना ही यूरोपीय नेताओं से। (russia ukraine war)

जाहिर है अचानक हुई इस घोषणा से सभी भौचक्का रह गए। तरह-तरह की चिंताएं और आशंकाएं व्यक्त की जाने लगीं। मगर इससे रूस के गिरते मनोबल में जबदस्त इज़ाफा हुआ।

ऐसा लगता है कि जो सबसे बुरा हो सकता था, वही होने जा रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और उनके यूरोपीय साथियों को डर सता रहा है कि अमरीका उनका साथ छोड़ने वाला है।

ट्रंप ने साफ़ कर दिया है कि यूक्रेन को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए उसकी जो ज़मीन रूस ने हड़प ली है, वह उसे वापस मिलेगी। (russia ukraine war)

पुतिन से फ़ोन पर चर्चा के बाद ट्रंप ने अपने ओवल ऑफिस में संवाददाताओं से कहा कि “रूस  ने काफी ज़मीन हासिल कर ली है। उसने इस ज़मीन के लिए लड़ाई लड़ी है। और उसने अपने काफी सिपाही खोये हैं।”

ट्रंप की बातों और उनके अंदाज़ से ऐसा लगता है कि लड़ाई ख़त्म करने का समझौता जल्द से जल्द करवाने के लिए ट्रंप सरकार पुतिन की शर्तों का ज्यादा विरोध नहीं करेगी।

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आर्थिक प्रतिबन्ध भी ख़त्म (russia ukraine war)

बहरहाल, यह खबर बाहर आते ही रूस की खुशियों का पारावार न रहा। स्टॉक मार्केट ऊपर चढ़ गए और वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में तीन प्रतिशत की गिरावट आ गई।

जाहिर है कि बाज़ार को ऐसा लग रहा है कि युद्ध समाप्त करने के लिए बातचीत का अर्थ होगा रूस के दुनिया में अलग-थलग पड़ जाने के दौर का अंत।

इसके साथ ही पश्चिमी देशों  द्वारा रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबन्ध भी ख़त्म हो जाएंगे, जिससे रूस से तेल के सप्लाई शुरू हो जाएगी और उसकी अर्थव्यवस्था में बेहतरी आएगी। (russia ukraine war)

यह एकदम साफ़ है कि ट्रंप बहुत जल्दी में हैं। वे तुरत-फुरत, एक के बाद एक बड़े निर्णय ले रहे हैं। और उन्हें अपनी ही कही बातों से पीछे हटने में तनिक भी संकोच नहीं होता।

अभी कुछ दिनों पहले तक ट्रंप रूस को धमका रहे थे कि अगर उसने यूक्रेन से बातचीत करना मंज़ूर नहीं किया तो रूसी माल पर ऊंचा आयात शुल्क लगाया जाएगा एवं और ज्यादा कड़े आर्थिक प्रतिबन्ध भी। (russia ukraine war)

ट्रंप ने अपने वरिष्ठ सहयोगियों को यूरोप भेजा ताकि वे ज़ेलेंस्की से बात कर सकें और 14 फरवरी से म्यूनिख में शुरू हो रही सिक्यूरिटी कांफ्रेंस में हिस्सा ले सकें। मगर शायद फिर ट्रंप का मूड बदल गया और वे रूस के तरफ झुक गए।

यूक्रेन युद्ध तुरंत बंद (russia ukraine war)

ग्यारह फरवरी को रूस ने अमेरिकी स्कूल अध्यापिका मार्क फोगेल को रिहा कर दिया। वे साढ़े तीन साल से एक रूसी जेल में बंद थे।

इस रिहाई को रूस की तरफ से ट्रंप की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने के रूप में देखा गया। फिर 12 फरवरी को ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल नेटवर्क पर लिखा कि उनकी पुतिन से टेलीफोन पर ‘लम्बी और अत्यंत उपयोगी बातचीत हुई’। (russia ukraine war)

ट्रंप ने द्वितीय महायुद्ध में रूस (तब सोवियत संघ) और अमेरिका के गठबंधन को याद किया और पुतिन के साथ मिलकर काम करने के ‘बड़े फायदों’ की चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन और वे एक दूसरे के देशों के यात्रा करेंगे।

यह सारा घटनाक्रम ज़ेलेंस्की के लिए बहुत धक्का पहुँचाने वाला था। मगर फिर भी उन्होंने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा। उन्होंने एक्स पर लिखा, “अगर किसी को शांति की सबसे ज्यादा चाहत है तो वह यूक्रेन है।

अमेरिका के साथ मिलकर हम रूस के हमले को रोके और स्थाई शांति की स्थापना के लिए ज़रूरी क़दमों पर विचार कर रहे हैं। जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है, चलो, अब हम इस काम को कर ही डालें।”

मगर यूक्रेन और यूरोप में निराशा का माहौल है। अमेरिका की पारंपरिक कूटनीतिक रीतियों-नीतियों में ट्रंप की ज़रा सी भी आस्था नहीं है। वे नाटकीयता में भरोसा रखते हैं। (russia ukraine war)

वे अपने-आप को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करना चाहते है जिसे परम्पराओं की कोई परवाह नहीं है। वे चाहते हैं कि इजराइल-हमास युद्ध जल्दी समाप्त हो ताकि वे गाजा पर कब्ज़ा कर उसका ‘विकास’ कर सकें।

उसी तरह वे चाहते हैं कि यूक्रेन युद्ध तुरंत बंद हो जाए। ट्रंप शायद पुरानी झंझटों को जल्द से जल्द इसलिए सुलझाना चाहते हैं ताकि दुनिया उन झंझटों को सुलझाने की तरफ ध्यान दे सके जो वे पैदा करेंगे। (कॉपी: अमरीश हरदेनिया)

By श्रुति व्यास

संवाददाता/स्तंभकार/ संपादक नया इंडिया में संवाददता और स्तंभकार। प्रबंध संपादक- www.nayaindia.com राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के समसामयिक विषयों पर रिपोर्टिंग और कॉलम लेखन। स्कॉटलेंड की सेंट एंड्रियूज विश्वविधालय में इंटरनेशनल रिलेशन व मेनेजमेंट के अध्ययन के साथ बीबीसी, दिल्ली आदि में वर्क अनुभव ले पत्रकारिता और भारत की राजनीति की राजनीति में दिलचस्पी से समसामयिक विषयों पर लिखना शुरू किया। लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों की ग्राउंड रिपोर्टिंग, यूट्यूब तथा सोशल मीडिया के साथ अंग्रेजी वेबसाइट दिप्रिंट, रिडिफ आदि में लेखन योगदान। लिखने का पसंदीदा विषय लोकसभा-विधानसभा चुनावों को कवर करते हुए लोगों के मूड़, उनमें चरचे-चरखे और जमीनी हकीकत को समझना-बूझना।

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