Kakistocracy: ‘केकीस्टोक्रेसी’ का अर्थ है ऐसा समाज जिसका शासन सबसे बुरे और सबसे कम काबिल लोगों के हाथ में हो। इसकी उत्पत्ति अंग्रेजी शब्द एरिस्टोक्रेसी के विपरीतार्थी शब्द के रूप में हुई थी, जिसका मूल अर्थ होता है ‘सर्वश्रेष्ठ का शासन’।
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ये क्या हो रहा है?
आखिर ये हो क्या रहा है?
जैसे-जैसे हम 2024 को अलविदा कहने के नज़दीक पहुँच रहे हैं, हम अविश्वसनीय और हैरान करने वाले राजनैतिक नजारे देख रहे हैं।
इनकी शुरूआत डोनाल्ड ट्रंप की जबरदस्त जीत से हुई। इसके बाद, उस जंग, जिसने उसने खुद छेड़ा था, में रूस की स्थिति मजबूत हुई।
युद्ध अपराधी बेंजामिन नेतन्याहू ने हिज्बुल्लाह के साथ युद्धविराम कर लिया लेकिन गाजा में कत्लेआम जारी रखा (जैसा कि एमनेस्टी ने अपनी ताजा रपट में बताया है)।
सीरिया फिर से पतन के फिसलन भरी राह पर है और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने देश को हिंसा और रक्तपात भरे तानाशाही शासन वाले अतीत में फिर से धकेलने का प्रयास किया है।
एलन मस्क को ट्रंप प्रशासन में कोई महत्वपूर्ण पद मिलने का इंतजार है। और यहाँ, अपने देश में हम जहरीली हवा और जहरीले माहौल से जूझ रहे हैं। राजनीति इकतरफा और लोगों को बांटने वाली होती जा रही है।
सबसे ताजा घटनाक्रम फ्रांस में
सबसे ताजा घटनाक्रम फ्रांस में हुआ है। मेरीन ले पेन, जो अति दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी की प्रमुख हैं, ने वामपंथी गठबंधन से हाथ मिला लिया जिसमें पूर्व ट्रोस्कीयाईट (लेनिन के प्रतिद्वंदी कम्युनिस्ट नेता लीओन त्रौत्स्की की विचारधारा के समर्थक) रोरोक मेरोक्शौं की तूती बोलती है।
वामपंथियों और दक्षिणपंथियों की गलबहियों में मध्यमर्गियों का दम निकल गया है।
प्रधानमंत्री मिशेल बार्निए, जो 2025 का बजट पारित करवाने की तैयारी में थे, को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वे फिफ्थ रिपब्लिक (फ्रांस) के सबसे कम समय तक सत्ता में रहने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं।
फ्रांस में गतिरोध के हालात
इसकी वजह से फ्रांस में गतिरोध के हालात हैं। कोई भी पार्टी या गठबंधन नेशनल एसेम्बली में बहुमत के करीब नहीं है और आगे देश में एक के बाद एक अल्प कार्यकाल वाली सरकारें कायम होने की संभावना है जिनके लिए कोई भी उपलब्धि हासिल करना मुश्किल होगा।
चूंकि राष्ट्रपति ने गलत फैसला करते हुए केवल छह माह पहले मध्यावधि चुनाव करवाए थे इसलिए अगले साल की जुलाई तक नए चुनाव नहीं करवाए जा सकते – और फिर इस बात की कोई गारंटी भी नहीं है कि किसी पार्टी या गठबंधन को उस चुनाव में भी बहुमत हासिल हो।
हालांकि इमेन्युअल मेक्रों सत्ता में बने रहेंगे किंतु उनकी गद्दी डगमगाती रहेगी। अति दक्षिणपंथी और वामपंथी दोनों उनका और उनके प्रस्तावों का सख्त विरोध कर रहे हैं। इससे उनका रूतबा बहुत घट गया है।
फ्रांस कई मुसीबतों से एकसाथ जूझ रहा
कुल मिलाकर बड़ी तस्वीर यह है कि फ्रांस कई मुसीबतों से एकसाथ जूझ रहा है। उस पर कर्ज का भारी बोझ है, घाटा बढ़ता जा रहा है, और दो सालों तक विकास दर के लगभग शून्य रहने से समस्या और गंभीर हो गई है।
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से फ्रांस द्वारा यूक्रेन को दिया जा रहा मज़बूत समर्थन जारी रखना भी उसके लिए एक चुनौती होगी।
इसके अलावा यूरोप का नेतृत्व करने में उसका साझेदार जर्मनी भी राजनैतिक और आर्थिक दृष्टि से पिछले वर्षों के मुकाबले कहीं कमजोर स्थिति में है।
मतदाता जब किसी सरकार से असंतुष्ट होते हैं तो उसे हटा देते हैं – हमारे लिए प्रजातन्त्र के यही मायने रहे हैं। परंतु फ्रांस इस बात की कड़ी चेतावनी है कि जब जनता सरकारों से निराश हो जाती तब क्या होता है।
मध्यमार्गी गठबंधनों और अल्पमत वाली कमज़ोर सरकारों को आजमाने के बाद मतदाताओं के समक्ष केवल यह विकल्प रह जाता है कि वे अतिवादी राजनीति का समर्थन करें।
इस बात की अच्छी खासी संभावना है – खासकर ट्रंप की विजय के बाद – कि अगले साल पेन की नेशनल रैली पार्टी के नेतृत्व में फ्रांस में सरकार बने और यहां तक कि ले पेन 2027 में राष्ट्रपति बन जाएं।
उस साल चुनाव करवाने ही होंगे। यदि मेक्रों छह महीने पहले लिए गए मूर्खतापूर्ण निर्णय जैसा ही कोई निर्णय लेते हैं और इस्तीफा दे देते हैं, तो फ्रांस और पहले दक्षिणपंथ की ओर झुक सकता है।
केकीस्टोक्रेसी’ शब्द का इस्तेमाल
इकोनोमिस्ट ने ट्रंप की जीत के कुछ ही समय बाद ‘केकीस्टोक्रेसी’ शब्द का इस्तेमाल किया था। ‘केकीस्टोक्रेसी’ का अर्थ है ऐसा समाज जिसका शासन सबसे बुरे और सबसे कम काबिल लोगों के हाथ में हो।
इसकी उत्पत्ति अंग्रेजी शब्द एरिस्टोक्रेसी के विपरीतार्थी शब्द के रूप में हुई थी, जिसका मूल अर्थ होता है ‘सर्वश्रेष्ठ का शासन’।
बताया जाता है कि ट्रम्प की जीत के बाद यह शब्द गूगल ट्रेंड्स पर काफी ऊपर था। जैसे-जैसे साल का अंत निकट आ रहा है, 2025 ज्यादा आशाजनक नजर नहीं आ रहा है।
शायद वह बहुत सी धक्का पहुंचाने वाली और हैरान करने वाली खबरों और हालातों से भरा होगा। मुझे लगता है कि 2025 केकीस्ट्रोक्रेसी का साल होगा और विनाशकारी होगा।
दुनिया सबसे बुरे और सबसे कम काबिल लोगों के राज का नतीजा भुगतेगी (कॉपी: अमरीश हरदेनिया)