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हॉलीवुड में क्या अब शुरू होगा काम?

पूरे 146 दिन बाद ‘रुकावट के लिए खेद है’ का बोर्ड हॉलीवुड के सामने से हट गया है या करीब-करीब हट गया है। और हॉलीवुड दुबारा कामकाज शुरू करने के लिए तैयार है या करीब-करीब तैयार है। द राईटर्स गिल्ड ऑफ अमेरिका, डब्लुजीए मनोरंजन क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के साथ एक अंतरिम समझौते पर पहुंच गई है। एक नया कॉन्ट्रैक्ट तैयार हो रहा है, जिस पर दोनों पक्ष दस्तखत करेंगे। हालांकि हालात सामान्य होने में वक्त लगेगा मगर इस समझौते से एक साथ दो हड़तालों से जूझ रहे इस उद्योग को कुछ राहत मिलेगी। इसके पहले यह स्थिति आखिरी बार सन् 1988 में बनी थी जब डब्लुजीए ने 154 दिनों तक हड़ताल की थी।

सप्ताहांत में चले बातचीत के लंबे दौर के बाद डब्लुजीए ने इतवार को एक ई-मेल भेजा, जिसमें कहा गया है ‘हम अत्यंत गर्व के साथ कह सकते हैं कि यह समझौता असाधारण है- जिसके जरिए सभी क्षेत्रों में कार्यरत हमारे सदस्यों को बड़े लाभ और संरक्षण हासिल होगा’।

हालांकि इस ‘असाधारण समझौते’ में क्या है इस बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है, सिवाय इसके कि लेखकों को कुछ लाभ होंगे। जिन लेखकों के शो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर अच्छा प्रदर्शन करेंगे, उन्हें बोनस मिलेगा। इसके साथ ही राइटर्स रूम में कर्मियों की न्यूनतम संख्या और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई के इस्तेमाल की शर्तें भी तय कर दी गईं हैं। लेखकों को डर है कि एआई जल्दी ही हिट स्क्रिप्टों का ढेर लगा देगा। एआई का मसला, लेखकों की हड़ताल के मुख्य कारणों में एक था और इसी मसले पर समझौता नहीं हो पा रहा था। कई घंटों तक इस बात पर चर्चा हुई कि किस प्रकार ऐसा समझौते तैयार किया जाए जो लेखकों और स्टूडियोज दोनों के लिए फायदेमंद हो। अब समझौते को राइटर्स गिल्ड के विभिन्न लीडरशिप बोर्ड अनुमोदित करेंगे। इसके बाद गिल्ड के करीब 11 हजार लेखक सदस्य वोट देंगे कि उन्हें यह मंजूर है या नहीं।

इस प्रक्रिया के शुरू हो जाने के कारण, गिल्ड ने अपने सदस्यों से कहा है कि वे धरना-प्रदर्शन बंद कर दें। हालांकि वे काम तभी शुरू करेंगे जब समझौता औपचारिक रूप से स्वीकृत हो जाएगा। यह हो जाने के बाद भी अधिकांश टीवी शोज और फिल्मों पर काम फिर से शुरू नहीं हो सकेगा क्योंकि कलाकार अब भी हड़ताल पर हैं। राइटर्स गिल्ड ने अपने सदस्यों से यह भी कहा है कि वे कलाकारों को समर्थन देना जारी रखें और मंगलवार को जब कलाकार धरना फिर शुरू करें तो उनके साथ खड़े हों।

कलाकारों की यूनियन स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड की भी मांगें लगभग वही हैं जो लेखकों की हैं– स्ट्रीमरों को होने वाली आमदनी में हिस्सा और मूल वेतन में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी। स्टूडियो इन सभी मांगों को खारिज कर चुके हैं। आने वाले कई हफ्तों तक इस पर बातचीत होगी और फिर समझौते की प्रक्रिया चलेगी। इसका मतलब है कि चीजों के सामान्य होते-होते नवम्बर का अंत आ जाएगा। परंतु देर रात और दिन में होने वाले टॉक शोज के राइटर्स रूम जरूर जल्द ही काम करना शुरू कर देंगे, जिससे भंवर में फंसे उस उद्योग के कम से कम एक तबके को तो राहत मिलेगी।

आमतौर पर कलाकार और स्टूडियो नवम्बर से छुट्टियां मनाने लगते हैं और फिर नए साल में काम शुरू करते हैं। अब चूंकि 2023 में फिल्में और टीवी शोज नहीं बन सके हैं इसलिए 2024 के नीरस रहने की पूरी सम्भावना है। अगर स्टूडियोज ने रात-दिन काम नहीं किया तो अगली गर्मियां काफी बोरिंग होने वाली हैं। या फिर हमें ‘कीपिंग अप विद द कार्दाशियां’ जैसे रियलिटी शो देखना शुरू करना पड़ेगा।

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By श्रुति व्यास

संवाददाता/स्तंभकार/ संपादक नया इंडिया में संवाददता और स्तंभकार। प्रबंध संपादक- www.nayaindia.com राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के समसामयिक विषयों पर रिपोर्टिंग और कॉलम लेखन। स्कॉटलेंड की सेंट एंड्रियूज विश्वविधालय में इंटरनेशनल रिलेशन व मेनेजमेंट के अध्ययन के साथ बीबीसी, दिल्ली आदि में वर्क अनुभव ले पत्रकारिता और भारत की राजनीति की राजनीति में दिलचस्पी से समसामयिक विषयों पर लिखना शुरू किया। लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों की ग्राउंड रिपोर्टिंग, यूट्यूब तथा सोशल मीडिया के साथ अंग्रेजी वेबसाइट दिप्रिंट, रिडिफ आदि में लेखन योगदान। लिखने का पसंदीदा विषय लोकसभा-विधानसभा चुनावों को कवर करते हुए लोगों के मूड़, उनमें चरचे-चरखे और जमीनी हकीकत को समझना-बूझना।

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