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ट्रंप टोली बतौर ‘क्रिमिनल गैंग’ कटघरे में!

फैनी विलिस अमेरिका की नई चर्चित शख्शियत है। फैनी महिला हैं और उनके कारण पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की राहों में खूब कांटे हैं।सभी मान रहे है कि ट्रंप पर उनका तैयार चौथा अभियोग अब तक का सबसे गंभीर है। फुल्टन काउंटी की जिला एटार्नी फैनी विलिस द्वारा आरोपित यह अभियोग, ट्रंप और 18 अन्य व्यक्तियों पर धोखाधड़ी की साजिश है। जिन लोगों पर आरोप लगे हैं उनमें से कुछ नाम ऐसे हैं जिनसे हम ट्रंप के कार्यकाल में परिचित हुए जैसे रूडी जुलियानी, सिडनी पावेल और मार्क मेडोज। अन्य लोगों में वे लोग शामिल हैं जो जॉर्जिया में चुनाव के बाद हुए हेराफेरी के प्रयासों के प्रमुख किरदार थे।

विलिस ने 19 लोगों पर 41 आरोप लगाए हैं। महत्वपूर्ण यह है कि ये आरोप जार्जिया के ठगी, धोखाधड़ी  और भ्रष्ट संगठन कानून (आरआईसीओ) के अंतर्गत हैं। विलिस अपने 20 साल के कानूनी करियर में पहले भी कई लोगों के खिलाफ ठगी के अभियोग जारी कर चुकी हैं जिनमें अटलांटा के हिप-हाप समुदायों से जुड़े लोग भी शामिल हैं। यह इस अभियोजक का पसंदीदा कानून है।‘‘मैं आरआईसीओ की फैन हूं,” उन्होंने एक बार एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा था। आरआईसीओ में एक साथ बड़ी संख्या में लोगों को आरोपी बनाना संभव है। उन सब पर जो एक साथ मिलकर किसी लक्ष्य को हासिल करने की साजिश करते होते है भले ही सभी व्यक्ति इसके सभी अपराधों में लिप्त न हों।

करीब 98 पृष्ठों का अभियोगपत्र ट्रंप के अमरीकी लोकतंत्र पर हमले का अपेक्षाकृत विस्तृत विवरण देता है। ट्रंप, अन्य 18-सह आरोपियों और 30 उन व्यक्तियों (जिन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है) पर इल्जाम लगाया गया है कि उन्होंने ‘‘एक आपराधिक संगठन बनाया जिसके सदस्यों एवं सहयोगियों ने कई आपस में जुड़ी आपराधिक गतिविधियां कीं जिनमें शामिल हैं झूठे लिखित एवं मौखिक बयान देना, सरकारी अधिकारी का रूप धरना, जालसाजी, झूठे दस्तावेज तैयार करना, गवाहों पर दबाव डालना, कम्प्यूटरों से चोरी, कम्प्यूटर सिस्टम्स में अनाधिकार प्रवेश, कम्प्यूटरों संबंधी गोपनीयता का उल्लंघन, राज्य के साथ धोखाधड़ी की साजिश रचना, चोरी एवं और झूठी गवाही देना।

मोटे तौर पर फैनी विलिस ने ट्रंप और उनके सहयोगियों पर एक क्रिमिनल गैंग की तरह कार्य करने का आरोप लगाया है।ध्यान रहे दो हफ्ते पहले फ़ेडरल जस्टिस डिपार्टमेंट के अभियोजक जेक स्मिथ ने ट्रंप पर ओवल आफिस पर दुबारा कब्जा करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। उसमेंउन्होने पूर्व राष्ट्रपति के जार्जिया समेत अन्य राज्यों में की गई कारगुजारियों का विवरण भी दिया था। यह नया अभियोग पिछले पांच महीनों में ट्रंप पर लगाया गया चौथा अभियोग है। इसके साथ ही ट्रंप पर लगाये गए कुल आपराधिक आरोपों की संख्या 91 हो गयी है।

जहां तक फैनी विलिस का सवाल हैं वे एक डेमोक्रेट हैं और अपने कार्यकाल में 12,000 से अधिक अभियोग लगा चुकी हैं। अपने अतिउत्साह के कारण दक्षिणपंथियों और वामपंथियों दोनों को वे काफी डरावनी लगतीं हैं। कई प्रगतिशील, जो अब उम्मीद कर रहे हैं कि वे ट्रंप पर फंदा कसेंगीं, पहले अभियोजक के रूप में उनके अतिउत्साही रवैये के आलोचक रहे हैं। ट्रंप के चुनाव प्रचारक उन्हें एक ‘विक्षिप्त पक्षपाती’ बताते हुए दावा करते हैं कि उन्होंने अपनी जांच में जानबूझकर कर देरी की ताकि राष्ट्रपति पद की दौड़ में ट्रंप के लिए ‘अधिकतम बाधा’ खड़ी की जा सके।

विलिस को उम्मीद है कि यह मुकदमा छःह माह के अंदर शुरू हो जाएगा हालांकि उनका इतिहास मुकदमा जल्दी निपटाने का नहीं है। आरआईसीओ कानून के अंतर्गत उनके द्वारा चलाए गए पिछले मुकदमे जार्जिया के इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाले मामले थे। जहां तक ट्रंप का सवाल है, संभवतः वे चाहेंगे कि मामला लंबा खिचे। यह अनुमान है कि वे अपील करेंगे ताकि मामला संघीय न्यायालय में चला जाए जहां उन्हें कुछ हद तक अधिक सहानुभूतिपूर्ण रवैये वाली जूरी मिलने की उम्मीद है, जैसा उन्होंने मुंह बंद रखने के लिए पैसे देने वाले एक अलग मामले में किया था। ऐसा माना जा रहा है कि जार्जिया वाला मामला टेलिविजन पर प्रसारित होने वाला इकलौता मुकदमा होगा।

यह अभियोजन लोकतंत्र के लिए एक अच्छी खबर है और इससे सभी को एक बार फिर यह अहसास होगा कि अमेरिकी संघीय व्यवस्था क्यों महान है।समय भले ही लग रहा हो परन्तु अमेरिका की व्यवस्था उस व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही कर रही है को प्रजातंत्र के रक्षक की बजाय उसका भक्षक बना था। (कॉपी: अमरीश हरदेनिया)

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By श्रुति व्यास

संवाददाता/स्तंभकार/ संपादक नया इंडिया में संवाददता और स्तंभकार। प्रबंध संपादक- www.nayaindia.com राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के समसामयिक विषयों पर रिपोर्टिंग और कॉलम लेखन। स्कॉटलेंड की सेंट एंड्रियूज विश्वविधालय में इंटरनेशनल रिलेशन व मेनेजमेंट के अध्ययन के साथ बीबीसी, दिल्ली आदि में वर्क अनुभव ले पत्रकारिता और भारत की राजनीति की राजनीति में दिलचस्पी से समसामयिक विषयों पर लिखना शुरू किया। लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों की ग्राउंड रिपोर्टिंग, यूट्यूब तथा सोशल मीडिया के साथ अंग्रेजी वेबसाइट दिप्रिंट, रिडिफ आदि में लेखन योगदान। लिखने का पसंदीदा विषय लोकसभा-विधानसभा चुनावों को कवर करते हुए लोगों के मूड़, उनमें चरचे-चरखे और जमीनी हकीकत को समझना-बूझना।

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