राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

एनडीए को रिवाइव करने की कोशिश

भाजपा कितनी शिद्दत से लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगी है और कैसे विधानसभा चुनाव पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है इसका एक संकेत इस बात से भी है कि वह पुराने एनडीए को रिवाइव करने की कोशिश कर रही है। पुरानी सहयोगी पार्टियों को किसी तरह से भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में लाने की कोशिश हो रही है। यह देखना दिलचस्प है कि ये सारे सहयोगी उन राज्यों में हैं, जहां इस साल चुनाव नहीं हो रहे हैं। इस साल जहां चुनाव हो रहे हैं वहां भाजपा अकेले ही लड़ने वाली है। किसी के साथ कोई तालमेल नहीं होना है। इसके बावजूद वह गठबंधन को लेकर लगातार बैठकें कर रही है। संभावित सहयोगियों के साथ तालमेल की बारीकियां तय कर रही है।

पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा टीडीपी नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से मिले। अमित शाह तेलुगू सुपर सितारे चिरंजीवी और उनके बेटे रामचरण से मिले तो जूनियर एनटीआर से भी उनकी मुलाकात हुई। आंध्र प्रदेश में टीडीपी और पवन कल्याण की जन सेना के साथ तालमेल की बात हो रही है। कर्नाटक में भी भाजपा और जेडीएस के तार जुड़े हैं। जेडीएस के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भाजपा के साथ तालमेल का बहुत खुला संकेत दिया। भाजपा वहां उसी तर्ज पर तालमेल कर सकती है, जिस तर्ज पर उसने 2019 में बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी के साथ किया था। भाजपा अपनी जीती हुई सीट जेडीएस के लिए छोड़ सकती है। सोचें, विधानसभा चुनाव तेलंगाना में है लेकिन भाजपा तालमेल आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में कर रही है और तमिलनाडु में तालमेल बचाए रखने के प्रयास कर रही है।

इसी तरह भाजपा बिहार में नए सहयोगी जोड़ रही है। नीतीश कुमार के साथ छोड़ने से होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई के लिए जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनता दल और मुकेश सहनी की विकासशाली इंसान पार्टी से भाजपा तालमेल करेगी। चिराग पासवान और पशुपति पारस की पार्टियों के साथ उसका तालमेल है। पंजाब में फिर से अकाली दल के साथ तालमेल की बात चल रही है। बताया जा रहा है कि तालमेल पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है और अब सीट बंटवारे पर बात हो रही है। इन दोनों राज्यों में भी विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के बहुत बाद में होने हैं। सो, इस साल जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं उन राज्यों में भाजपा की तैयारी हो रही होगी लेकिन इसके साथ साथ भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारियां कर रही है। राज्यों में भाजपा की रैलियां होंगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के अजमेर औरर मध्य प्रदेश के भोपाल से इसकी शुरुआत भी कर दी है। लेकिन इसके साथ साथ पूरे देश में भी नेताओं के दौरे हो रहे हैं। अमित शाह ने महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार आदि ऐसे राज्यों में रैलियां की हैं, जहां लोकसभा चुनाव में भाजपा को कुछ नुकसान का अंदेशा दिख रह है। उन्होंने तमिलनाडु में भी रैली की है, जहां कुछ हासिल होने की उम्मीद दिख रही है।

By हरिशंकर व्यास

मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *