राहुल गांधी ने सवाल और शक जाहिर किया तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी गुरूवार को पत्रकार के सवाल पूछने पर बताया कि भारत विदेशी शक्तियों और सरकारों की भागीदारी सहित बांग्लादेश में हाल के घटनाक्रम के सभी पहलूओं का विश्लेषण कर रहा है। इससे पहले शेख हसीना के भाग कर दिल्ली आने के चौबीस घंटे बाद सूत्रों के हवाले टीवी चैनलों, सोशल मीडिया में विदेशी साजिश के एंगल का खूब हल्ला हुआ। हसीना के बेटे ने भी साजिश के कयास में तड़का मारा। लेकिन यदि वैश्विक मीडिया की रिपोर्टों को देखें तो सबने वही लिखा जो सच्चाई है। और सच्चाई क्या? दुनिया के हर तानाशाह के साथ जो हुआ वहीं शेख हसीना के साथ हुआ। मतलब रावण का जो हुआ और होना चाहिए वह अंहकारी शेख हसीना का भी हुआ।
हम हिंदुओं ने रामायण के चौपाईयों का यह रट्टा मार कर जुबा घिसा दी है कि अंहकारी रावण का अंततः पतन है और जीत मर्यादा की ही होती है तो साजिश का ख्याल ही क्यों बनना चाहिए। दुनिया कह रही थी, शेख हसीना मर्यादाओं को ताक में रख देश और अपनी बरबादी को न्यौत रही है तो हसीना को ही जान लेना था कि पतन का समय आ रहा है। तानाशाह बनी है तो तानाशाह जैसा ही अंत होगा।
इसलिए सौ टका फालतू बात कि विदेशी साजिश हुई इसलिए भारत और मोदी सरकार ने अपनी निकटस्थ पड़ौसी सरकार गंवाई। मान ले ऐसा कुछ हुआ तो अजित डोवाल, भारत की तमाम खुफियां एजेंसियां, एस जयशंकर, विदेश मंत्रलाय क्या कर रहे थे? तब तो फिर यह सोचना होगा कि मोदी सरकार और भारत विश्व राजनीति में कितना नकारा और फेल है!