भारत और नरेंद्र मोदी के प्रति बांग्लादेंशियों का गुस्सा और नफरत वहां रह रहे हिंदू आबादी की असुरक्षा है। ऊपर से भारत में सोशल मीडिया और मोदी भक्त इस नैरेटिव और झूठ को बढ चढ़ कर फैला रहे है कि हिंदुओं पर कहर बरप पड़ा है। इतने मंदिर और इतने घरों पर हमला हुआ है और भारत की सेना अभ्यास कर रही है। मतलब यह कि मोदी सरकार कुछ करेगी। और यदि कुछ न करें और बांग्लादेश में हिंदू मरते रहे तो कहां गई घर में घुस कर मारने की हवाबाजी?
ध्यान रहे बाग्लादेश की पिछली जनगणना के अनुसार कोई वहा कोई आठ प्रतिशत हिंदू है। सीमावर्ती इलाकों से खबरे है कि भीड़ के हमलों के घबराएं, भयाकुल हिंदु परिवारों ने भारत आने की कोशिश की लेकिन सीमा सुरक्षा बल ने उन्हे आने नहीं दिया। पर लोग लौटे नहीं। दोनों देशों के बीच के नो-मैन्स लैंड में रूके है। सीमा का यह इलाका बिना बाड़ का है। इसलिए बीएसएफ ने लोगों को भारत से बाहर रखने के लिए बाडे बनाए। इस तरह की खबरों के साथ यह भी जानकारी है कि दोनों तरफ से ही सुरक्षा बलों ने लोगों को रोका है।
सो भारत अपनी सीमा में बांग्लादेश के भयाकुल हिंदुओं को भारत नहीं आने दे रहा है। यदि ऐसा है तो भूल जाए कि भीतर घुस कर हिंदुओं को बचाने जैसा कोई दुस्साहस मोदी सरकार करेगी। बांग्लादेश में चुनाव तक हिंदुओं का जीना दूभर रहेगा। पूरा चुनाव और आगे की राजनीति हसीना, मोदी और हिंदू विरोधी उग्रवाद की धुरी पर होगी। और मोदी सरकार दुबकी बला टालती हुई होगी!