भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी अब अपने तीसरे कार्यकाल को यादगार बनाने के लिए एक नई पहल शुरू करने जा रहे है, जिसके तहत् मौजूदा समय में करीब-करीब पूरे पांच साल चलने वाले चुनावों को एक सूत्र में बांधकर सभी चुनाव एक साथ कराने का प्रावधान है, यदि वास्तव में निरपेक्ष भाव से देखा जाए, तो यह इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है, क्योंकि पूरे पांच साल देश में चलने वाले इस दौर में न सरकारें ठीक से काम कर पा रही है और न ही विधान मंडल।
इसलिए मोदी जी की इस पहल की प्रशंसा की जानी चाहिए, इस पहल को मूर्तरूप मिलने के बाद देश की अपार धनराशि और अमूल्य समय दोनों की ही काफी बचत होगी और सरकारें व राजनेता पूरे मनोभाव से जनसेवा के महायज्ञ में अपनी आहूतियां डाल पाएगें। ‘‘एक देश – एक चुनाव’’ की इस पहल को शीघ्र ही मूर्त रूप दिया जा रहा है। One nation one election
केन्द्र सरकार ने इस मुद्दें पर विचार कर अपनी सिफारिशें प्रदान करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिसने हाल ही में अपना प्रतिवेदन सरकार को सौंपा है, इस पैनल ने सुझाव में कहा है कि सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए, हंग असेम्बली (किसी को भी बहुमत नही) या अविश्वास प्रस्ताव पर बाकी पांच साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराये जा सकते है, यह भी सुझाव दिया गया है कि पहले चरण में लोकसभा विधानसभा चुनाव एक साथ कराये जा सकते है।
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उसके बाद दूसरे चरण में एक सौ दिनों के अंदर स्थानीय इकाईयों के चुनाव कराये जा सकते है, एक अन्य सुझाव के अनुसार चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से एकल मतदाता सूची और मतदान पहचान पत्र तैयार करेगा, पैनल ने एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की अग्रिम प्लानिंग की भी सिफारिश की। One nation one election
अब मोदी सरकार कोविंद कमेटी के इन सुझावों को संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पारित करवा कर इस नए चुनाव कानून को मूर्तरूप देने का प्रयास कर रही है और इसके लिए आवश्यक संविधान संशोधन की भी तैयारी की जा रही है। वास्तव में देश की आजादी के बाद मोदी सरकार का यह सबसे अहम् और देशहित वाला सार्थक कदम होगा, जिससे देश को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी ही, साथ ही चुनाव कार्यों से जुड़े भारतीय चुनाव आयोग व राज्य चुनाव आयोगों को काफी झंझटों से मुक्ति मिल जाएगी, साथ ही फिर राजनेता भी चुनावी झंझटों से मुक्ति पाकर जनसेवा के कार्य में जुट पाएगें।