भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र का पहला दिन राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ लेकिन विपक्षी दल के सदस्यों ने पहले संकल्प पत्र लहराते हुए सदन के अंदर जमकर नारेबाजी की और बाद में हरदा हादसा को लेकर विपक्षी सदस्य ने हंगामा किया।
दरअसल, विधानसभा सत्र शुरू होने के एक दिन पहले इस तरह से हरदा में दिल दहलाने वाला हादसा हुआ है। उसके कारण विपक्ष सरकार को भेजने की कोशिश में है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मामले की गंभीरता को समझ रहे हैं और लगातार सक्रिय है। हरदा के एसपी कलेक्टर को हटा दिया गया है। हरदा पहुंचकर मुख्यमंत्री ने पीड़ितों से चर्चा की और अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए। वहीं दूसरी ओर पीसीसी प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी जहां हरदा पहुंचे और एक-एक करोड़ मुआवजा देने की बात की वही।
बहरहाल, सड़क से लेकर सदन तक हरदा हादसे की चर्चा है। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन में विपक्ष ने जमकर हंगामा करते हुए वॉकआउट कर दिया। राज्यपाल के अभी भाषण के दौरान कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने आरोप लगाया कि सरकार राज्यपाल से झूठ बुलवा रही है। कांग्रेस विधायकों ने भाजपा के संकल्प पत्र को लहराते हुए सदन के अंदर जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने भी गेहूं वरदान की समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर अभी भाषण के बीच में ही टोका टाकी की। नेता प्रतिपक्ष के बाद कांग्रेस के कई विधायक खड़े हो गए। भाजपा के संकल्प पत्र को लहराने लगे। इसके साथ ही सभी ने नारेवाजी शुरू कर दी। राज्यपाल ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा में 50 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया है। जहां-जहां मध्य प्रदेश में श्री राम और श्री कृष्ण के कदम पड़े हैं। उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। केन-बेतवा, पार्वती -काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना प्रदेश के विकास में मिल का पत्थर साबित होंगे।
कुल मिलाकर विधानसभा सत्र का पहला दिन राज्यपाल के अभी भाषण के बीच हंगामा के गुरुवार तक के लिए विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी गई थी। आज जब विधानसभा की कार्रवाई शुरू होगी तब एक बार फिर हरदा हादसे को लेकर विपक्ष सरकार को भेजने की कोशिश करेगी क्योंकि हरदा से लगातार आक्रोश की खबरें आ रही है। सरकार स्थिति को सामान बनाने के लिए भी हर संभव प्रयास कर रही है। एसपी -कलेक्टर को हटा दिया गया है लेकिन जब तक लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो जाता तब तक सियासत हरदा हादसे पर सुर्ख रहेगी।