भोपाल । कौन बनेगा करोड़पति के अंतिम प्रश्न के जैसा जटिल हो गया है कौन बनेगा मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री खासकर यदि भाजपा की सरकार बनती है क्योंकि यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो कमलनाथ का मुख्यमंत्री लगभग तय माना जा रहा है भाजपा में आधा दर्जन से भी ज्यादा मुख्यमंत्री पद के दावेदार चुनावी मैदान में विधायक बनने की बाधा दौड़ पूरी करके सामने होंगे।
दरअसल, 2008 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2018 तक भाजपा का चुनावी नारा महत्वपूर्ण रहा जिसमें कहा जाता रहा है फिर भाजपा फिर शिवराज लेकिन 2023 की विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा का नारा है फिर इस बार भाजपा सरकार और इसी के साथ ही सामूहिक नेतृत्व की चर्चा चली और जब भाजपा ने अपनी दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित 7 सांसदों को विधानसभा का टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा तब एक बार फिर यह बहस जोर पकड़ने लगी है कि आखिर भाजपा की सरकार बनने पर कौन बनेगा मुख्यमंत्री वैसे तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आम जनता से भी पूछ रहे हैं कि मैं चुनाव लडू या ना लडू भाजपा ने अभी तक 79 प्रत्याशियों की सूची जारी की है जिसमें तीन केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ-साथ सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सांसद गणेश सिंह और सांसद रीती पाठक को भी चुनाव मैदान बता रहा है
और संभावनाएं जताई जा रही हैं अभी 151 प्रत्याशियों की जो सूची आएगी उसमें और भी सांसद और महत्वपूर्ण पदाधिकारी चुनाव मैदान में उतारे जा सकते हैं लेकिन अभी तक जो प्रत्याशी मैदान में है और जिनके प्रत्याशी बनने की संभावना है उसमें लगभग आधा दर्जन से भी ज्यादा ऐसे नाम है जो अपने-अपने इलाकों में मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हो गए हैं या जिनके बनने की संभावना है उनमें नरेंद्र सिंह तोमर पहलाद पटेल कैलाश विजयवर्गीय राकेश सिंह फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ-साथ जो भविष्य में और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं या जो नहीं लड़ेंगे वे भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार बताई जा रहे हैं जिनमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और वरिष्ठ मंत्री पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के नाम चर्चाओं में है।
बहरहाल प्रदेश में अगली सरकार किसकी होगी और कौन बनेगा मुख्यमंत्री यह एक प्रश्न आज कल चर्चा का विषय बना हुआ है कैलाश विजयवर्गीय इंदौर में रहते हैं कि मैं केवल विधायक बने नहीं चुनाव लड़ रहा हूं पार्टी मुझे कोई बड़ी जिम्मेदारी देगी फग्गन सिंह कुलस्ते ने जब अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया तो वहां जो बैनर लगाए उसमें वर्तमान मुख्यमंत्री का फोटो ही नहीं था और उनके समर्थक वहां फग्गन सिंह को मुख्यमंत्री बनने के नारे लगा रहे थे प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री और पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव जब अपने विधानसभा क्षेत्र में बुंदेलखंड के पहले रोपवे निर्माण के लिए भूमि पूजन के बाद जन समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं परेशान होता रहा तो गुरु जी ने कहा जब इतने परेशान हुए हो तो एक बार आप फिर लड़ जाओ एक बार चुनाव लड़ लो यह अंतिम चुनाव होगा यह जो भी गुरु का आदेश है तो निश्चित रूप से मुझे भी लगा कि इस बार जो चुनाव हो रहे हैं किसी को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट नहीं किया जा रहा है
यह नहीं बताया जा रहा कि किस है मुख्यमंत्री बनेंगे जब गुरु का आदेश आया है तो हो सकता है और मुझे भी लगा कि गुरु की कुछ इच्छा हो ईश्वर की तरफ से बात आई हो उन्होंने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि मुझे कोई चाहत है क्योंकि लोग सरपंच बनने के लिए परेशान रहते हैं पार्षद बनने के लिए परेशान रहते हैं भगवान ने तो मुझे सब कुछ बनाया है नगर पालिका अध्यक्ष बनाया इतने साल विधायक बनाया इतने साल मंत्री बनाया और तो और सबसे बड़ा पद जो मुख्यमंत्री के बराबर होता है मुझे नेता प्रतिपक्ष बनाए बाद में सरकार बदली उसे समय में सोचता था कि मुझे नेता प्रतिपक्ष बनाया है मैं 108 विधायकों का नेता था कमलनाथ जी 113 विधायकों के नेता थे लेकिन वह संभव नहीं हो पाया हर चीज का मुहूर्त होता है हो सकता है कि मेरी हस्तरेखा में भाग रेखा में ना हो लेकिन समय पता नहीं कब कैसा आ जाए तो हो सकता है जगदंबा जी की परिसर से आपकी आवाज सप्त हो जाए मैया से यही प्रार्थना करता हूं कि जो खुशी बानू सब आपके लिए बनूं।
कुल मिलाकर प्रदेश में किस दल की सरकार बनेगी और कौन-कौन वरिष्ठ नेता विधानसभा का चुनाव जीतकर आएगा उसके बाद ही मुख्यमंत्री बनने का निर्णय होगा भाजपा में जहां आधा दर्जन से ज्यादा दावेदार है वहीं कांग्रेस की सरकार बनने पर कमलनाथ का मुख्यमंत्री बना लगभग तय हैं लेकिन जिस तरह से भाजपा ने दिग्गजों को मैदान में उतारा है और चौंकाने वाले निर्णय लिए हैं उससे यदि भाजपा की सरकार बनती है मुख्यमंत्री भी कोई भी बन सकता है इस कारण कौन बनेगा मुख्यमंत्री का यक्ष प्रश्न आज प्रदेश की राजनीतिक फिजा में चर्चा का विषय बना हुआ है।