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विधायकों की दुविधा

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भोपाल। भाजपा सत्ता और संगठन ने उन विधायकों के साथ प्रदेश कार्यालय में चर्चा की जिनका दर्द पिछले दिनों सार्वजनिक हो गया हालांकि कुछ विधायक कार्यालय नहीं पहुंचे लेकिन जो पहुंचे उन्हें समझाईस दी गई।

दरअसल, पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक भाजपा विधायक के दर्द सार्वजनिक रूप से सामने आ रहे थे जिससे सत्ता और संगठन की असहजता बढ़ रही थी जिसमें महूगंज के विधायक प्रदीप पटेल का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के सामने दंडवत होना और देवरी के विधायक बृज बिहारी पटेरिया का इस्तीफा देना पार्टी को एक तरह से शर्मिंदा होना जैसे था। यही कारण है कि पार्टी ने ऐसे सभी विधायकों को प्रदेश कार्यालय सोमवार को बुलाया और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रभारी एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश उपाध्याय, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के सामने विधायकों को समझाईस दी गई कि आगे से वह पार्टी फोरम के अंदर अपनी बात रखें सार्वजनिक बयान बाजी करने से परहेज करें।

हालांकि प्रदीप पटेल भोपाल नहीं पहुंचे जबकि अजय बिश्नोई के परिवार में गमी हो जाने के कारण भोपाल नहीं आ सके। मिलने वालों में देवरी विधायक बृज बिहारी पटेरिया और नरयावली विधायक प्रदीप लारिया प्रमुख रूप से रहे। हालांकि प्रदीप लारिया मीडिया ट्रायल के तहत चर्चा में आ गए थे उनके ऐसी कोई बयान नहीं थे जो पार्टी के लिए किरकिरी कराने वाले हो। उनके बारे में यही कहा जा रहा है कि वे क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री को रोकने के लिए लगभग पांच बार सागर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दे चुके हैं जिसके कारण मीडिया की सुर्खियों में लारिया बने रहे।

बहरहाल, राजधानी भोपाल में सोमवार का दिन सियासत की सरगर्मी का दिन रहा प्रदेश कार्यालय में कौन विधायक पार्टी के बुलावे पर आ रहा है और कौन नहीं आ रहा इसको लेकर सरगर्मी रही बाद में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी नेताओं ने विधायकों ने सीएम हाउस में मुलाकात की।

जिसमें नरयावली की विधायक प्रदीप लारिया और देवरी क्षेत्र के पूर्व विधायक हर्ष यादव भी मुलाकात करने पहुंचे। इसके अलावा भाजपा चुनाव समिति की बैठक में जहां बुधनी में तीन नाम का पैनल तैयार किया जिसमें पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव, रघुनाथ सिंह भाटी और रवि मालवीय के नाम शामिल हैं। वहीं विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए एक मात्र रामनिवास रावत के नाम की सिफारिश की गई प्रदेश चुनाव समिति ने दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का पैनल केंद्रीय चुनाव समिति को भेज देगी और दिल्ली से दोनों सीटों की उम्मीदवारों के नाम घोषित होंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव लंबे अर्से बाद राजधानी भोपाल में अपने निवास पर थे। इस दौरान भार्गव से मिलने उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, मंत्री रहे उदय प्रताप सिंह, मंत्री लखन पटेल और विधायक प्रदीप लारिया सहित पार्टी के नेताओं ने उनसे मुलाकात की इस दौरान भार्गव ने वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर सभी से विचार साझा किये। इस दौरान प्रदेश के विधायकों और नेताओं के फोन भी भार्गव के पास आते रहे।

कुल मिलाकर भाजपा की सियासत में दिनभर समझाईश का दौर चला जिसमें सत्ता और संगठन के प्रदेश के शीर्ष नेताओं और वरिष्ठ नेताओं ने महत्वपूर्ण पहल की जिससे कि भविष्य में पार्टी के नेता या विधायक अपना दर्द सार्वजनिक करने की बजाय पार्टी फोरम पर ही कहें और विधायक इस दुविधा से बाहर निकले कि वे जनता की बात करें या पार्टी की हिदायत माने उन्हें समझाया गया है कि वह जनता की आवाज और अपना दर्द पार्टी के अंदर ही कहें सार्वजनिक होने से बचाया जाए।

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