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मप्र चुनाव: जीत की उम्मीदों के उम्मीदवार

भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की अधिकांश सूची 15 सितंबर तक जारी हो जाएगी। इस समय दोनों ही दल ऐसे ज़िताओ उम्मीदवार की खोज कर रहे हैं जो हारी हुई सीटों पर भी जीत की उम्मीद बनाए रखें। भाजपा की 2018 में जिन 103 सीटों पर हार हुई थी उनमें से 39 प्रत्याशी पहले ही घोषित कर दिए हैं और अब शेष 64 पर लगभग प्रत्याशी फाइनल कर लिए हैं। जिनकी अधिकृत घोषणा कभी भी हो सकती है। वहीं विपक्षी दल कांग्रेस कल से 3 दिन मैराथन बैठक करके प्रत्याशियों के नाम की सूची तैयार करेगी और 15 सितंबर तक अधिकांश नाम घोषित करने की योजना है।

दरअसल, विधानसभा चुनाव 2018 के परिणाम से सबक लेकर दोनों ही दलों ने अपने-अपने स्तर पर 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी बहुत पहले से शुरू कर दी थी। इन तैयािरयों में सर्वाधिक फोकस बूथ की मजबूती आकर्षक चुनावी मुद्दे और जिताऊ उम्मीदवार की तलाश पर किया गया। बूथ पर किस तरह से मजबूत संगठन है इसका परीक्षण दोनों ही दल अपने संगठन के लोगों द्वारा करवाते रहते हैं और जहां निष्क्रिय बूथ कमेटिया है उनमें परिवर्तन भी हो रहे हैं क्योंकि अंत में असली लड़ाई बूथ पर ही होना है। जहां तक आकर्षक मुद्दों की बात है तो दोनों दलों में होड़ लगी हुई है बल्कि कांग्रेस जो वादे कर रही है कि सरकार में आने के बाद हम क्या-क्या करेंगे भाजपा अधिकांश मुद्दों को चुनाव से पहले ही निष्क्रिय कर रही है। मसलन, कांग्रेस ने सरकार बनने पर नारी सम्मान के रूप में रु.1500 देने का वादा किया था। भाजपा “लाडली बहन योजना” के तहत 1250 रुपए महीने तक पहुंच गई है और वादा कर रही है कि इसे हम रु.3000 प्रति माह तक ले जाएंगे लेकिन सबसे बड़ा चुनावी अस्त्र बेहतर प्रत्याशियों की तलाश करना है।

बहरहाल, भाजपा और कांग्रेस ने अपनी सर्वे रिपोर्ट कार्यकर्ताओं की राय और संगठन पदाधिकारी से लंबे समय से विचार विमर्श करने के बाद अब लगभग प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। भाजपा ने जहां पहली सूची अचानक से 39 प्रत्याशियों की घोषित कर दी थी उसके बाद दूसरी सूची के लिए लगातार कवायद चल रही है और अब अधिकांश नाम सिंगल फाइनल कर लिए है। जहां दुविधा है वहां दो से तीन दावेदारों के पैनल में नाम भी जोड़े गए। जिस तरह से सूची बनाई गई है उससे यह साफ हो गया है कि दोनों ही दलों ने प्रत्याशी चयन का एकमात्र मापदंड जीत और केवल जीत रखा है। खासकर जो नाम सर्वे रिपोर्ट में एक तरफ जीत के आए हैं वहां सिंगल नाम तय कर लिए गए हैं और उम्मीदवारों को इशारा भी कर दिया गया है कि वह अपनी चुनावी तैयारी जारी रखें।

कुल मिलाकर चिन्ह के साथ अब मतदाताओं के सामने जल्द ही वे चेहरे भी सामने होंगे जिनके बीच चुनाव होना है क्योंकि इस बार समय से पहले तैयारी ये शुरू हो गई थी और आचार संहिता लगने के पहले ही उम्मीदवारों की सूचिया आना शुरू हो गई है लेकिन इतना तय है कि इस बार प्रत्याशियों का चयन अधिकतम बेहतर होगा और मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने वाला होगा क्योंकि यह उम्मीदवार हारी हुई सीटों पर भी जीत की उम्मीद लेकर बनाये जा रहे हैं।

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